भाजपा ने शहडोल से हिमाद्री सिंह फिर जताया भरोसा, कहीं खुशी- कहीं गम
सांसद के कार्य से अनूपपुर को नहीं मिला कोई खास फायदा, रेल सुविधाओं को लेकर रहीं बेरूखी
अनूपपुर, 2 मार्च (हि.स.)। भाजपा ने सांसद हिमांद्री सिंह पर भरोसा जताते हुए एक बार फिर 2024 लोकसभा के लिए मैदान में उतारा है। उनके पिता दलबीर सिंह कांग्रेस से केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। वहीं माता राजेशनंदनी सिंह विधायक और सांसद रहीं। हिमांद्री सिंह कांग्रेस से भी सांसद का चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उन्होंने भाजपा से 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा था। जहां उन्हें जीत हासिल हुई थी। एक बार फिर पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है।
सांसद हिमाद्री का टिकट फाइनल होते ही समर्थकों के बीच उत्साह देखने को मिल रहा है। सांसद हिमाद्री सिंह तीसरी बार लोकसभा चुनाव के मैदान पर अपनी किस्मत आजमाएंगी। हिमाद्री भाजपा संगठन में महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं।
5 वर्ष रहा निरासा भरा, नहीं मिली रेल सुविधा
हिमाद्री सिंह को शिक्षित युवा महिला नेत्री होने का फायदा इन्हेी मिला, निर्विवाद छवि के साथ साथ राय शुमारी में भी हिमाद्री का नाम सबसे ऊपर था। पिछला चुनाव हिमाद्री ने 4.5 लाख वोट के ज्यादा अंतर से जीता था। इसका भी उन्हें फायदा मिला है। अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ की रहने वाली वहीं हिमाद्री सिंह ने क्षेत्र के लिए कोई खास कार्य नहीं किया जिससे क्षेत्र में नाराजगी जमकर है। खासकर रेलवे की समस्यीओं को लेकर जिसमे ट्रेनों के परिचालन को लेकर जहां शहडोल नागपुर ट्रेन को अनूपपुर तक लाने में विफल रहीं हैं। वहीं संसदीय क्षेत्र के स्टे शनों में ट्रेनों के ठहराव की सुविधा नहीं दिला पाई हैं।
2019 में हुई थीं भाजपा में शामिल
हिमाद्री सिंह लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ही भाजपा में शामिल हुई थीं। इससे पहले वो कांग्रेस में थीं। भाजपा नेता नरेंद्र मरावी से शादी के बाद वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गईं थी। सितंबर 2017 में हिमाद्री सिंह ने भाजपा नेता नरेंद्र मरावी से शादी की। मार्च 2019 में हिमाद्री सिंह भाजपा में शामिल हुई थी। 2019 में हुए चुनाव में हिमाद्रि सिंह ने लगभग साढ़े चार लाख वोट से चुनाव जीतकर रिकार्ड बनाया था। उन्होंने कांग्रेस की उम्मीदवार प्रमीला सिंह को चुनाव हराया था।
कांग्रेस का आधार था परिवार
शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह का पूरा परिवार कांग्रेस में था। उनके पिता दलवीर सिंह कांग्रेस से सांसद रहते हुए केंद्र सरकार में दो बार मंत्री रहे हैं। इसके साथ ही हिमाद्री की मां राजेश नंदिनी भी कांग्रेस से सांसद रही हैं।
कांग्रेस से शुरू हुआ था राजनीति सफर, मिली थी हार
हिमांद्री सिंह ने कांग्रेस से पहली बार राजनीति में कदम रखा था तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2016 में शहडोल लोकसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने हिमाद्री सिंह को प्रत्याशी बनाया था। 1 जून को सांसद दलपत सिंह परस्ते का ब्रेन हेमरेज के कारण निधन हो जाने के बाद से शहडोल सीट खाली हो गई थी, यह चुनाव हिमांद्रि भाजपा के ज्ञान सिंह से हार गई थीं।
हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला/मुकेश
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