भोपाल: भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार, दो अन्य साथी भी हिरासत में

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भोपाल: भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार, दो अन्य साथी भी हिरासत में


भोपाल, 11 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी भोपाल के टीटी नगर थाना क्षेत्र में कुशवाहा भवन से जुड़े बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भगत सिंह कुशवाहा को पुलिस ने धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इसी केस में भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल भानपुर के बेटे सीताराम कुशवाहा और मोहन कुशवाहा को भी हिरासत में लिया गया है। टीटी नगर थाने में दर्ज मामले के अनुसार बीजेपी नेता भगत सिंह कुशवाहा पर आरोप है कि राजनीतिक रसूख के दम पर उन्होंने कुशवाहा भवन पर अवैध कब्जा जमाने के लिए फर्जी कागजात तैयार कराए।

यह पूरी कार्रवाई बुधवार देर रात की गई है। गुरुवार को तीनों को कोर्ट में पेश किया गया है। पुलिस जांच में सामने आया कि टीटी नगर स्थित अंजलि कॉम्प्लेक्स के पास मौजूद कुशवाहा भवन, जो मूल रूप से कुशवाहा समाज को राज्य सरकार द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए आवंटित किया गया था। उसे हड़पने के लिए आरोपियों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार किए। इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पिछले लगभग 15 वर्षों से भगत सिंह कुशवाहा भवन पर कब्जा जमाए हुए थे। इस दौरान उन्होंने भवन में न केवल अपना राजनीतिक कार्यालय चलाया, बल्कि एक गर्ल्स हॉस्टल के रूप में भी उपयोग किया। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल भानपुर के बेटे सीताराम कुशवाहा और मोहन कुशवाहा को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। सभी आरोपियों पर समाज की संपत्ति को निजी उपयोग में लेने का आरोप है। टीआई गौरव सिंह ने बताया कि आरोपियों को उनके घर से पकड़ा गया है।

समाज के सदस्यों ने दर्ज कराई थी शिकायत

यह मामला मई 2025 में तब सामने आया जब कुशवाहा समाज के कुछ सदस्यों ने टीटी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि भगत सिंह कुशवाहा ने नकली रजिस्ट्री और ट्रांसफर दस्तावेज बनवाकर भवन को हड़प लिया। पुलिस ने जांच शुरू की तो फर्जीवाड़े की पूरी सच्चाई सामने आ गई। एसीपी अंकिता खातरकर ने गुरुवार काे मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि थाना टीटी नगर में मई 2025 में एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसमें कुशवाहा समाज के भवन पर षडयंत्रपूर्वक फर्जी दस्तावेज तैयार कर कब्जा करने का आरोप था। फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया। एसीपी अंकिता ने बताया कि आरोपियों ने सिस्टमेटिक तरीके से दस्तावेजों में हेराफेरी की। भवन का मूल आवंटन पत्र और रिकॉर्ड से साफ है कि यह समाज की संपत्ति है। हमने तीनों आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है। आगे अन्य संलिप्त लोगों की भी जांच होगी। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे

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