आज के युग की सबसे बड़ी समस्या तीन पी, इनसे हो सकती है तंत्रिका संबंधी समस्याएं: प्रो ओझा

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आज के युग की सबसे बड़ी समस्या तीन पी, इनसे हो सकती है तंत्रिका संबंधी समस्याएं: प्रो ओझा


आज के युग की सबसे बड़ी समस्या तीन पी, इनसे हो सकती है तंत्रिका संबंधी समस्याएं: प्रो ओझा


- विक्रम विश्ववि‌द्यालय के वनस्पति एवं पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला में आयोजित हुआ विशिष्ट व्याख्यान

उज्जैन, 20 अप्रैल (हि.स.)। देश के ख्यात पर्यावरण विशेषज्ञ प्रोफेसर डीडी ओझा (जोधपुर) ने कहा कि आज के युग की सबसे बड़ी समस्या तीन पी (पॉपुलेशन पॉल्यूशन, पावर्टी) हैं। इनसे तंत्रिका संबंधी और अन्य दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे हृदय रोग प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी और प्रजनन संबंधी समस्या आदि। उन्होंने कहा कि अदृश्य प्रदूषण में ध्वनि, इलेक्ट्रो मेगनेटिक तंरगें, घरेलू प्रदूषण, सोंदर्य प्रसाधन व वैचारिक प्रदूषण मुख्य रूप से आते है। इन पर उन्होंने विस्तार से उदाहरण सहित दुष्प्रभाव व रोकथाम की चर्चा की।

प्रोफेसर ओझा रविवार को विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की वनस्पति एवं पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला में अदृश्य प्रदूषण के मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव एवं रोकथाम विषय पर राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला के तहत् विशिष्ट व्याख्यान को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कि बच्चों और बुजुर्गों पर प्रदूषण का सबसे अधिक खतरा होता है. क्योंकि उनकी शारीरिक क्षमताएं कमज़ोर होती हैं। अपनी बात को बढ़ाते हुए प्रोफेसर ओझा ने कहा कि डाक्टरों के अनुसार शर्ट की लेफ्ट साइड में मोबाइल ना रखे, हृदय के लिए हानिकारक होता है।

इस अवसर पर विद्यापरिषद प्रयाग की राजस्थान शाखा जोधपुर की ओर से डॉ. देवेन्द्र मोहन कुमावत, आचार्य एवं अध्यक्ष, पर्यावरण प्रबंध एवं वनस्पति अध्ययनशाला को उनके खरपतवार विज्ञान, जल एवं वायु प्रदूषण नियंत्रण, पादपीय उपचार, मृदा संरक्षण एवं जैव विविधता के क्षेत्र में दीर्घ कालीन उत्कृष्ट शोध कार्य करने एवं राजभाषा हिन्दी के विज्ञान के क्षेत्र में उन्नयन हेतु विशिष्ट योगदान दिये जाने पर उन्हें विज्ञान भूषण सम्मान 2024 से अलंकृत कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में स्वागत भाषण वनस्पति एवं पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डी.एम. कुमावत ने दिया। संचालन डॉ. मुकेश वाणी व आभार डॉ. पराग दलाल ने किया। कार्यक्रम में जीव विज्ञान संकायाध्यक्ष, प्रो. अल्का व्यास व अन्य विभागाध्यक्ष, प्रो. राजेश टेलर प्रो. स्वाति दुबे, प्रो. संदीप तिवारी, डॉ. गणपत अहीरवार.. डॉ. प्रीति दास, डॉ. निहाल सिंह, डॉ. शिवी भसीन, डॉ. शीतल चौहान, डॉ. पूर्णिमा त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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