भोपाल के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी, डॉक्टर की अवैध नियुक्ति के मामले में कार्रवाई

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भोपाल के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी, डॉक्टर की अवैध नियुक्ति के मामले में कार्रवाई


भोपाल, 5 फ़रवरी (हि.स.)। संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, मध्य प्रदेश द्वारा भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रभाकर तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत जारी किया गया है, जिसमें डॉ. तिवारी पर कार्य में लापरवाही और अपने दायित्वों के निर्वहन में असफल रहने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने बुधवार को कहा कि डॉ. प्रभाकर तिवारी ने विभाग को ग़लत जानकारी देकर डॉ. प्रांजल खरे की अवैध नियुक्ति करवाई। बाद में जब विभागीय जांच के बाद उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई, तब भी उन्हें नियमित भुगतान किया जाता रहा, जो पूरी तरह नियम विरुद्ध था। इसके अलावा, डॉ. प्रभाकर तिवारी ने अधिकारियों से मिलीभगत कर अपनी पत्नी डॉ. प्रज्ञा तिवारी को एनएचएम में प्रभारी संचालक बनवाया, जबकि उनके खिलाफ विभाग में सैकड़ों शिकायतें लंबित हैं।

रवि परमार ने आरोप लगाया कि डॉ. प्रभाकर तिवारी स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के मास्टरमाइंड हैं। जब वे सीहोर में पदस्थ थे, तब वहां भी उन्होंने चिकित्सा सामग्री की खरीद में घोटाला किया था, जिसकी जांच के बाद उन पर एफआईआर दर्ज हुई थी। अब भोपाल में भी उन्होंने सैकड़ों फर्जी अस्पताल खोलकर मानव जीवन के साथ खिलवाड़ किया और अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी नियुक्तियां करवाईं।

एनएसयूआई की मांग:

रवि परमार ने कहा कि डॉ. प्रभाकर तिवारी दोषी पाए गए हैं, इसलिए उन्हें तत्काल पद से हटाया जाए और भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि भोपाल के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एनएसयूआई इस मुद्दे को हर स्तर पर उठाएगा और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे

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