ग्वालियरः तानसेन समारोह से पहले “तानसेन स्वर स्मृति” के तहत सजेंगीं दो बड़ी संगीत सभाएं

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- 6 दिसम्बर को “ग्वालियर का सांगीतिक वैभव” एवं 10 दिसम्बर को “गालव वाद्यवृंद-सुर ताल समागम” का होगा आयोजन

ग्वालियर, 27 नवंबर (हि.स.)। संगीत शिरोमणि तानसेन की याद में आयोजित होने वाले शास्त्रीय संगीत के सालाना महोत्सव “तानसेन समारोह” का इस साल शताब्दी वर्ष है। इस बात को ध्यान में रखकर ग्वालियर में तानसेन समारोह के प्रति सुखद वातावरण बनाने के लिये पहले से ही पूर्व रंग मंगलाचरण स्वरूप सुर-संगीत की महफिलें सजेंगीं। इस कार्यक्रम को “तानसेन स्वर स्मृति” नाम दिया गया है। तानसेन स्वर स्मृति कार्यक्रम को सुव्यवस्थित एवं गरिमामयी ढंग से आयोजित करने के लिये कलेक्टर रुचिका चौहान ने विभिन्न अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी हैं।

कलेक्टर रुचिका चौहान ने बुधवार को बताया कि “तानसेन स्वर स्मृति” के तहत संगीतधानी ग्वालियर में 6 दिसम्बर को “ग्वालियर का सांगीतिक वैभव” एवं 10 दिसम्बर को “गालव वाद्यवृंद – सुर ताल समागम” के नाम से संगीत सभाएं सजेंगीं। इन कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियाँ होंगी।

उन्होंने कार्यक्रम स्थलों पर यातायात व सुरक्षा व्यवस्था के लिये पुलिस अधीक्षक तथा टेंट, साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट एवं प्रस्तुति से संबंधित अन्य व्यवस्थाओं के लिये नगर निगम आयुक्त एवं कार्यक्रमों में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों के साथ समन्वय की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी की सीईओ को सौंपी है। इसी तरह अपर जिला मजिस्ट्रेट सीएमएचओ, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण, अधीक्षण यंत्री विद्युत, एसडीएम झांसी रोड़ एवं जिला प्रशासन के संयुक्त कलेक्टर सहित जिला शिक्षा अधिकारी को विभिन्न व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

आईआईटीटीएम में 6 दिसम्बर को सजेगी “ग्वालियर का सांगीतिक वैभव” सभा

तानसेन समारोह के पूर्व रंग कार्यक्रमों की श्रृंखला में 6 दिसम्बर को सायंकाल 5 बजे भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान के ऑडिटोरियम में “ग्वालियर का सांगीतिक वैभव” के नाम से संगीत सभा सजेगी। इस कार्यक्रम की संकल्पना राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. इस्मिता सहस्त्रबुद्धे की है। यह आयोजन ग्वालियर की समृद्ध संगीत विरासत की उत्पत्ति की सम्पूर्ण यात्रा पर केन्द्रित होगा। जिसमें ध्रुपद व ख्याल गायन के साथ लोक गायन की प्रस्तुति भी होगी। कार्यक्रम में राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के आचार्य व विद्यार्थी प्रस्तुतियां देंगे।

शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़ा पर होगा “गालव वाद्यवृंद-सुर ताल समागम”

पूर्व रंग कार्यक्रम की विशिष्ट संगीत सभा “गालव वाद्यवृंद – सुर ताल समागम” 10 दिसम्बर को शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़े पर सायंकाल 5.30 बजे सजेगी। इस सभा में ग्वालियर घराने के मूर्धन्य संगीत साधक पं. उमेश कम्पूवाले और सुविख्यात ध्रुपद गुरू श्री अभिजीत सुखदाड़े का ध्रुपद गायन होगा। साथ ही डॉ. पारूल बांदिल द्वारा भक्ति गीत प्रस्तुत किए जायेंगे। इस आयोजन में पाश्चात्य एवं भारतीय वाद्यों की जुगलबंदी से सुरों का उत्सव साकार होगा। दिसम्बर की सर्द सांझ सुरों का संपर्क पाकर शहर की फिजाओं में गर्माहट घोलेगी। तानसेन समारोह के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब सुरों की नगरी ग्वालियर में समारोह से पहले स्थानीय कलाकारों के सहयोग से संगीत महफिलें सज रही हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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