ग्वालियरः जिले में हानिकारक बेरियम सॉल्ट से निर्मित पटाखों पर प्रतिबंध
- आदेश के उल्लंघन पर विस्फोटक नियम और धारा-188 के तहत होगी कार्रवाई
ग्वालियर, 8 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा जारी आदेश के पालन और ग्वालियर जिले में अत्यंत निम्न एयर क्वालिटी इंडेक्स को ध्यान में रखकर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अक्षय कुमार सिंह ने बुधवार को अहम आदेश जारी किया है। उन्होंने इस आदेश के जरिए जिले में हानिकारक बेरियम सॉल्ट से निर्मित पटाखों एवं लड़ी (जुड़े हुए पटाखों) के उपयोग पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है। जिले में केवल ग्रीन पटाखों का ही निर्माण, भण्डारण, परिवहन, विक्रय व उपयोग किया जा सकेगा।
जिला दण्डाधिकारी ने संबंधित एसडीएम, सीएसपी व थाना प्रभारियों को दृढ़तापूर्वक इस आदेश का पालन कराने के लिये आदेशित किया है। साथ ही 125 डेसीबल से अधिक तीव्रता वाले पटाखों का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। संदेहास्पद प्रतिबंधित पटाखे पाए जाने पर मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रयोगशाला में जाँच कराई जायेगी। जाँच में पटाखे अमानक पाए जाने पर विधि संवत सख्त कार्रवाई की जायेगी। कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक, आयुक्त नगर निगम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत व सीईओ स्मार्ट सिटी को इस आदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार शहर के डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से कराने के निर्देश दिए हैं।
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में स्पष्ट किया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों एवं निजी व्यक्तियों द्वारा पटाखों का ऑनलाइन विक्रय तथा गैर लायसेंसी विक्रय पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। जिले के अंतर्गत अस्पताल, नर्सिंग होम, प्राथमिक, सामुदायिक व जिला स्वास्थ्य केन्द्र, शैक्षणिक संस्थाओं, न्यायालय, धार्मिक संस्थान एवं अन्य ऐसे स्थल जो शांत क्षेत्र घोषित हैं। उनके 100 मीटर की परिधि में पटाखे चलाना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। क्रिसमस एवं नव वर्ष की पूर्व संध्या पर अर्द्धरात्रि अर्थात रात्रि 11:55 से रात्रि 12:30 बजे तक ही चलाए जा सकेंगे।
आदेश में यह भी साफ किया गया है कि किसी भी क्षेत्र में अवैध आतिशबाजी का निर्माण, विक्रय व भण्डारण न होने पाए। लायसेंसी दुकानों के अलावा अन्य स्थानों मसलन हाथ ठेला, फुटपाथ व अन्य दुकानों पर आतिशबाजी की बिक्री रोकने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ विस्फोटक नियम, भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 और अन्य दण्डात्मक प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करने के लिये संबंधित अधिकारियों को आदेशित किया गया है।
सुरक्षा मानकों का पालन न करने वाली आतिशबाजी दुकानों को तत्काल बंद कराएं
जिन आतिशबाजी दुकानों पर अग्नि दुर्घटना से बचाव के लिए निर्धारित सुरक्षा मानकों के अनुसार इंतजाम न मिलें, ऐसी दुकानों को बंद कराएं और उनके लायसेंस निरस्त करें। यह निर्देश कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अक्षय कुमार सिंह ने ग्वालियर व्यापार मेला परिसर में लगाई जा रहीं लायसेंसी आतिशबाजी दुकानों के निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों को दिए।
उन्होंने बुधवार को दो बार मेला परिसर में पहुँचकर सुरक्षा के मद्देनजर आतिशबाजी दुकानों का निरीक्षण किया। जिला दण्डाधिकारी ने जोर देकर कहा कि आतिशबाजी दुकानों के आस-पास आम आदमी की सुरक्षा के साथ जरा सा भी समझौता न हो।
दीपावली, गुरू पर्व एवं अन्य त्यौहारों को ध्यान में रखकर मेला परिसर में आतिशबाजी की अस्थायी दुकानें लगाने की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा दी गई है। कलेक्टर ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल एवं नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह के साथ मेले में आतिशबाजी दुकानों का जायजा लिया। इस दौरान कलेक्टर सिंह ने निर्देश दिए कि हर आतिशबाजी दुकान में लायसेंस प्रदर्शित कराएँ। साथ ही हर दुकान पर एहतियात बतौर अग्निशमन यंत्र, रेत व पानी की पुख्ता व्यवस्था रहे। आतिशबाजी दुकानें एक दूसरे से निर्धारित दूरी पर लगी हों। हर दुकान पर डस्टबिन रखी जाए। साथ ही बिजली की वायरिंग पूरी तरह सुरक्षित होनी चाहिए।
कलेक्टर ने नगर निगम के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि आतिशबाजी दुकानों के आसपास पर्याप्त संख्या में फायरब्रिगेड की व्यवस्था करें। उन्होंने मुरार एसडीएम सहित राजस्व विभाग के अन्य अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वे लगातार आतिशबाजी दुकानों का निरीक्षण करते रहें। जिन आतिशबाजी दुकानों पर सुरक्षा मानकों का पालन न हों, उन्हें तत्काल बंद कराएँ।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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