शाही रथ में सवार होकर अपने भक्तों का हाल जाना बाबा पशुपतिनाथ ने

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शाही रथ में सवार होकर अपने भक्तों का हाल जाना बाबा पशुपतिनाथ ने


मंदसौर, 19 अगस्त (हि.स.)। । आज सावन के अंतिम सोमवार को परम्परा अनुसार नगर के आराध्य देव भगवान पशुपतिनाथ महादेव की शाही सवारी ठाठ बाट के साथ प्रात: 11 बजे भगवान पशुपतिनाथ मंदिर प्रांगण से निकली। सवारी निकलने से पूर्व जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने बाबा पशुपतिनाथ की रजत प्रतिमा की पूजा अर्चना की।

बाबा पशुपति नाथ की शाही सवारी में ढोल नगाड़े, विशाल नन्दी पर सवार शिव पार्वती, अघोरी की झांकी, राधाकृष्ण, मां कालिका, शिव पार्वती सहित कई आकर्षक झांकिया, पंजाब के ढोल उज्जैन के ताशे, अखाड़े शाही सवारी की शोभा बढ़ा रहे थे।

शाही सवारी में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, सांसद सुधीर गुप्ता, विधायक विपिन जैन, कलेक्टर अदिति गर्ग, पुलिस अधीक्षक अभिषेक आनन्द सहित जनप्रतिनिधि शामिल हुए। शाही सवारी के साथ चल रहे अखाड़े में प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने तलवार बाजी कर प्रदर्शन किया। उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा कॉलेज के समय से अखाड़े में रहे हैं। अखाड़े से उनका लगाव इतना है कि जब भी उन्हें कहीं अखाड़े में युवा करतब दिखाते नजर आते हैं तो वे खुद को रोक नहीं पाते हैं और लाठी या तलवार बाजी में अपने हाथ आजमा ही लेते हैं। कैबिनेट मंत्री रहते पहले भी उनके कई वीडियो सामने आए हैं। जिनमें वे अखाड़े के करतब दिखाते नजर आ रहे हैं।

भगवान पशुपतिनाथ का नयनाभिराम श्रृंगार, बहनों ने हाथों से बनाई रखी अर्पण की

सावन का पांचवेंऔर अंतिम सोमवार को ही भाई बहन का पर्व रक्षा बंधन भी था। सावन के अंतिम सोमवार को सुबह से शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। जिले के प्रमुख मंदिरों में भक्त कांवड़ यात्रा और पैदल यात्रा के रूप में महादेव के दर्शनों के लिए पहुंचे।

मंदसौर के अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में सुबह महादेव का दूध, दही, पंचामृत से विशेष अभिषेक किया गया। सुबह की आरती के बाद अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ का चंदन, भांग, सूखे मेवे,बिल्वपत्र,फूलों से विशेष नयनाभिराम श्रृंगार किया गया। महादेव को आकर्षक पगड़ी पहनाई गई और भांग, व सूखे मेवे से अर्धनारीश्वर श्रृंगार किया।

मन्दसौर निवासी अर्पणा जैन ने सूत के धागे से बनी 11 फीट लंबी रखी पहनाई गई। अर्पणा ने बताया कि वे पिछले 18 वर्षों से पशुपतिनाथ को राखी बांध रही है। इस बार उन्होंने पांच स्व छह दिन की मेहनत से रक्षा सूत्र के उपयोग में आने वाली मोली से राखी बनाई है। इसे बनाने में उनकी परिवार ने भी सहयोग किया।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया / राजू विश्वकर्मा

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