(अपडेट) अयोध्या-उज्जैन का ऐतिहासिक संबंध रहा है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- रामलला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की मिठास फैलाने के लिए अयोध्या भेजे जा रहे हैं लड्डू
- अयोध्या में होगा सम्राट विक्रमादित्य पर केंद्रित महानाट्य का मंचन
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाकाल से अयोध्या जाने वाले प्रसाद-रथ को मानस भवन भोपाल से प्रस्थान कराया
भोपाल, 19 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज हमारे सामने वर्तमान की अयोध्या नगरी का जो भौगोलिक स्वरूप है उसे दो हजार साल पहले सम्राट विक्रमादित्य के काल में जीर्णोद्धार कर नया रूप दिया गया था, भव्य मंदिर भी सम्राट विक्रमादित्य द्वारा बनवाया गया। मध्यप्रदेश का विशेषकर उज्जैन का अयोध्या के लिए दो हजार साल पहले भी समर्पण रहा है। वह युग पुन: वापस आ रहा है, भगवान श्रीराम पांच सौ साल के संघर्ष के बाद पुनः गर्भ गृह में विराजमान हो रहे हैं, प्रसन्नता का विषय है कि यह सब हमारे सामने ही घटित हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति उज्जैन द्वारा अयोध्या में भगवान रामलला मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में भेजे जा रहे 5 लाख लड्डू प्रसाद रथ के तुलसी मानस प्रतिष्ठान भोपाल से प्रस्थान के अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
अयोध्या-मानव सृष्टि की प्रथम जन्मस्थली पुस्तक का विमोचन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इससे पहले मानस प्रतिष्ठान स्थित श्री सिद्ध रघुनाथ मंदिर में भगवान राम का पूजन अर्चन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रामगोपाल सोनी द्वारा लिखित अयोध्या- मानव सृष्टि की प्रथम जन्मस्थली पुस्तक का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केसरिया ध्वजा लहराकर अयोध्या के लिए प्रसाद-रथ के रूप में चार ट्रक रवाना किये। प्रत्येक ट्रक में सवा लाख लड्डू हैं। इस अवसर मंत्री विश्वास सारंग, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, भोपाल महापौर मालती राय, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवान दास सबनानी, भोपाल विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लिली अग्रवाल उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का निर्देश है कि श्रीराम जन्म भूमि मंदिर के दर्शन के लिए देशवासी क्रमबद्ध रूप से अयोध्या आएं। जब मध्यप्रदेश का नंबर आएगा, तब सम्राट विक्रमादित्य पर केंद्रित महानाट्य के मंचन द्वारा सम्राट विक्रमादित्य के विराट स्वरूप को जीवंत करते हुए हम अयोध्या पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकतंत्र को गौरान्वित कर रहे हैं और लोकतंत्र की शक्ति का सार्थक उपयोग करते हुए उन्होंने रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का मार्ग प्रशस्त किया। उज्जैन से अयोध्या लड्डू भेजकर हम समाज में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की मिठास बनाए रखना चाहते हैं। भोपाल के मानस प्रतिष्ठान से अयोध्या के लिए लड्डू प्रसाद का प्रस्थान भी शुभ है।
भगवान श्रीराम के जीवन में मर्यादा के विविध रूपों का पालन करने के प्रसंग प्रस्तुत किए
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम का जीवन संघर्षों से भरा रहा, उनके जीवन ने मर्यादा के विविध रूपों का पालन करने के प्रसंग प्रस्तुत किए और महर्षि वाल्मीकि ने विविध प्रसंगों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। भगवान श्रीकृष्ण मनुष्य को मर्यादा में जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। भगवान श्रीराम के प्रति प्रेम, श्रद्धा, भक्ति की प्रतिमूर्ति के रूप में ही श्रीराम जन्म भूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, परन्तु खेद का विषय है कि कुछ लोग इस शुभ अवसर पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं।
हमारी ऐतिहासिक और पौराणिक घटनाओं की पुष्टि वर्तमान का ज्ञान और आधुनिक यंत्र भी करते हैं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैनी के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि उज्जैनी में संपूर्ण सृष्टि समाहित है। विश्व के सात सागर प्रतीक स्वरूप उज्जैन के सप्त-सागर में विद्धमान है, 84 लाख योनियों का प्रतिनिधित्व उज्जैन का 84 महादेव मंदिर करता है। द्वारिका सहित हमारी कई ऐतिहासिक और पौराणिक घटनाओं की पुष्टि वर्तमान का ज्ञान और आधुनिक यंत्र करते हैं।
प्रसाद रथ के चालकों का भी किया गया सम्मान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केसारिया ध्वजा फहराकर लड्डूओं के चार ट्रकों का अयोध्या के लिए प्रस्थान कराया। उल्लेखनीय है कि यह लड्डू महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति उज्जैन द्वारा बनाए गए हैं। लड्डूओं को विशेष पैकेट में भरकर अयोध्या भेजा जा रहा है। मानस भवन में आयोजित कार्यक्रम में महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु का सम्मान भी किया गया। इसके साथ ही लड्डू प्रसाद उज्जैन से अयोध्या जिन प्रसाद रथों (ट्रकों) में ले जाया जा रहा है उन ट्रकों के चालकों का सम्मान भी किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / उमेद/मुकेश
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