हरदा : अमृत सरोवर योजना के क्रियान्वयन में मनमानी, अधिकारी भी बने मूकदर्शक

WhatsApp Channel Join Now
हरदा : अमृत सरोवर योजना के क्रियान्वयन में मनमानी, अधिकारी भी बने मूकदर्शक


हरदा : अमृत सरोवर योजना के क्रियान्वयन में मनमानी, अधिकारी भी बने मूकदर्शक


हरदा, 18 दिसंबर (हि.स.)। मध्‍य प्रदेश के हरदा जिले में अमृत सरोवर योजना के तहत मनमानी की जा रही है। शासन की गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए जेसीबी, पोकलेन मशीन और अन्य वाहनों से खुदाई की जा रही है। सरोवर की बजाय कुॅआ जैसा गड्ढा बनाकर खानापूर्ति की जा रही है। मनरेगा से काम करवाने की बजाय जेसीबी से काम करवाया जाता है और मिट्टी खोदकर उसका उपयोग किया जा रहा है। खनिज विभाग के अधिकारी भी मूकदर्शक बने हुए हैं। खुदाई की परमिशन का पता लगाकर कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं। जिसके कारण शासनादेशों का उल्लंघन किया जा रहा है।

कार्यवाही टाल माटोलकर रहे अधिकारी -

कार्यवाही में टालमटोल जिम्मेदार जवाबदेह अधिकारी कर रहे हैं। अमृत सरोवर योजना के तहत जहां-जहां कार्य करवाया गया है। मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन किया जाये तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा। मनमानी तरीके से सरोवर की खुदाई की गई है। नियमों का उल्लंघन किया गया है जानकारी मांगने पर नहीं दी जाती है और बहाना बनाया जाता है । यह कहा जाता है की सूचना के अधिकार से जानकारी मांगों दी जायेगी।

खोदने की नहीं परिवहन की अनुमति -

ठेकेदार को खोदने की नहीं परिवहन की अनुमति दी जाती है। महिला इंस्पेक्टर, स्टाफ की कमी और सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए चेकिंग और निरीक्षण से मुंह फेर रही है। 40-50 डंफर रोजाना मिट्टी की खुदाई हो रही है। जानकारी देने पर जांच कराकर दो-चार दिनों में कार्यवाही की बात कही जाती है। इस अंतराल में लक्ष्य के अनुसार खुदाई हो जाती है और ठेकेदार लक्ष्य के अनुसार कार्यकर रफूचक्कर हो जाते हैं। ऐसा खेल पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। जिसे कोई देखने व सुनने वाला नहीं है।

ठेकेदार द्वारा प्राकृतिक संपदा का कर रहे दोहन -

ठेकेदार प्राकृतिक संपदा का दोहन कर रहे हैं। इससे स्थिति दिनों-दिन गंभीर होती जा रही है। यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब प्राकृतिक संपदा के वे-हिसाब दोहन से असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी, जिसका खामियाजा सबको भुगतना पड़ेगा ।

महिला कर्मचारियों के समक्ष गंभीर चुनौती -

महिला कर्मचारियों के समक्ष ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करना बहुत बड़ी चुनौती है। राजनीतिक अधिकारिक पहुंच वाले ठेकेदार जहां अपराधिक प्रवृत्ति के हैं वहीं वे नशे में धुत्त रहते हैं। ऐसी स्थिति में महिला अधिकारी कर्मचारी उनके खिलाफ कैसे कार्यवाही कर सकती है। इसका अंदाजा सहज तरीके से लगाया जा सकता है। ठेकेदार का काम रात में अधिक होता है। रेत, मिट्टी, बजरी से भरे डंफर रात में अधिक दौड़ते हैं इन पर कार्यवाही करना अत्यंत जोखिमपूर्ण है।

इस संबंध में हरदा जिला खनिज अधिकारी, सुश्री प्रिति, का कहना है कि मिट्टी खुदाई के संबंध में जानकारी मांगी गई तो सूचना के अधिकार का हवाला देते हुए जानकारी मांगने की समझाइश देकर अपना पल्लू झाड़ा गया। यह किस हद तक उचित है इसका जवाब जिम्मेदार जवाबदेह अधिकारी ही दे सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / Pramod Somani

Share this story