भोपालः अस्पताल पर हमले से नाराज चिकित्सकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
- युवक की मौत के बाद परिजनों के साथ आई भीड़ ने की थी अस्पताल में तोड़फोड़
भोपाल. 31 अगस्त (हि.स.)। भोपाल में सड़क हादसे में युवक की मौत के बाद अस्पताल में की गई तोड़फोड़ से नाराज चिकित्सकों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। दरअसल, शनिवार शाम 4 बजे यूनाइडेट डॉक्टर्स फेडरेशन ने सिटी अस्पताल में बैठक की, जिसमें प्राइवेट मेडिकल प्रैक्टिशनर, नर्सिंग होम एसोसिएशन, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और जूनियर डॉक्टर शामिल हुए। सभी ने रविवार दोपहर 12.30 बजे भोपाल पुलिस कमिश्वर हरि नारायण चारी मिश्र से मिलकर ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है।
एमपी नर्सिंग होम एसोसिएशन के सेक्रेटरी डॉक्टर संजय गुप्ता ने बताया कि अगर सरकार या पुलिस-प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है, तो हम डॉक्टर आंदोलन करेंगे। अस्पताल बंद करना पड़े, चाहे सड़कों पर उतरना पड़े, सब करेंगे।
डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि आज हमारी बैठक में मध्यप्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन, मध्यप्रदेश टीचर्स एसोसिएशन, जूडा और मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के प्रतिनिधि मौजूद रहे। जिन लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की, डॉक्टर के बच्चों को मारा और पत्नी के साथ दुर्व्यवहार किया, जब डॉक्टर ने उन आरोपियों के नाम दे दिए हैं, तो उन पर नामजद एफआईआर हो। हमें प्रोटेक्शन और शासन का एक्शन चाहिए। नहीं तो ऐसा ही चलता रहेगा, कल कलकत्ता, आज भोपाल, परसों मुंबई, सब ऐसे ही चलता रहेगा।
बता दें कि शुक्रवार की रात शहर के गोविंदपुरा में बाइक में टक्कर मारने के बाद कार उसे 10 मीटर तक घसीटते हुए ले गई। बाइक चला रहे राकेश (20) की मौत हो गई थी। उसे सिटी हॉस्पिटल लाया गया, यहां युवक के मृत घोषित होते ही भीड़ उग्र हो गई। अस्पताल में पत्थर फेंके और तोड़फोड़ कर दी। डॉक्टर और उनके परिवार के सदस्य घायल हो गए। शनिवार को परिजन ने सिटी हॉस्पिटल के बाहर युवक का शव रखकर प्रदर्शन किया। पुलिस के आश्वासन पर प्रदर्शन खत्म कर शव लेकर नरसिंहगढ़ रवाना हो गए। वे अस्पताल सील करने की मांग कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक, हादसे में राकेश की मौत की सूचना मिलने के बाद उसके परिजन और उनके साथ मौजूद भीड़ उत्तेजित हो गई। परिजन ने अस्पताल के डायरेक्टर पर इलाज शुरू करने से पहले रुपये जमा करने का आरोप लगाया। स्टाफ ने जब इसका विरोध किया, तो बेकाबू भीड़ ने अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू कर दी। सिक्योरिटी गार्ड ने जब भीड़ को गेट के बाहर किया, तो लोगों ने बाहर से अस्पताल पर पथराव करना शुरू कर दिया। अस्पताल के डायरेक्टर और स्टाफ, वर्क स्टेशन छोड़कर अस्पताल के पास ही बने अपने घर पहुंचे। अस्पताल में डॉक्टर के नहीं होने की सूचना मिलते ही गुस्साई भीड़ डायरेक्टर डॉक्टर सब्यसाची गुप्ता के मकान में घुस गई और बालकनी में रखे सामान को तोड़ना- फेंकना शुरू कर दिया। इस पर हॉस्पिटल डायरेक्टर के बेटे और परिजनों ने जब भीड़ को ऐसा करने से रोकने की कोशिश की, तो उग्र भीड़ ने उनकी भी पिटाई कर दी।
हॉस्पिटल डायरेक्टर के बेटे ने की फायरिंग
घर में घुसी बेकाबू भीड़ के हमले से खुद को और परिवार को सुरक्षित करने हॉस्पिटल डायरेक्टर के बेटे डॉ. उज्ज्वल गुप्ता ने पिस्टल से फायरिंग शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक डॉ. उज्ज्वल ने करीब 6 राउंड फायरिंग की। इससे भीड़ हॉस्पिटल डायरेक्टर के घर और अस्पताल के सामने से भाग खड़ी हुई। सूचना मिलने पर पहुंची गोविंदपुरा पुलिस ने सड़क के दूसरी ओर खड़े उपद्रवियों को खदेड़ा।
हॉस्पिटल डायरेक्टर डॉ. उज्ज्वल गुप्ता ने बताया कि घर में घुसी भीड़ को भगाने के लिए टिकली गन (टाॅय गन) से फायरिंग की थी। पिस्टल से गोली नहीं चलाई है। यह सब उस स्थिति में किया जब भीड़ घर में घुसकर मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों पर हमला कर रही थी।
लोगों का कहना है कि अस्पताल की ओर से किसी भी इमरजेंसी की हालत में इलाज नहीं दिया जाता। इससे पहले भी ऐसा ही किया जा चुका है। लोगों ने समय पर इलाज न मिलने के कारण सड़क हादसे में घायल युवक की मौत होने की बात कही।
गोविंदपुरा थाना प्रभारी अवधेश सिंह तोमर ने बताया कि अन्ना नगर निवासी 20 वर्षीय राकेश की बाइक को टक्कर मारने वाली कार को नाबालिग चला रहा था। उसके खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि हादसे के बाद नाबालिग और उसके साथी घटनास्थल से गाड़ी लेकर नहीं भागे हैं। हिट एंड रन का केस की धारा उस स्थिति में लगाई जा सकती थी जब आरोपी गाड़ी लेकर भाग गया होता। नाबालिग साकेत नगर का रहने वाला है और 11वीं क्लास का स्टूडेंट है। घटना के बाद उसका ब्लड सैंपल लिया गया है। ताकि मेडिकल जांच में हादसे के वक्त युवक के नशे में होने या नहीं होने की पुष्टि हो सके। घटना के समय कार में आरोपी चालक के चाचा और छोटी बहन सहित दो अन्य सवार थे। सभी किसी रिश्तेदार के घर से लौट रहे थे। हादसे के बाद से गुस्साई भीड़ ने नाबालिग को बेरहमी से पीटा। इस दौरान भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने उपद्रवियों से बचाते हुए नाबालिग और परिजन को भीड़ के बीच से निकाला। इसके बाद नाबालिग और उसके परिजन गोविंदपुरा थाना पहुंचे और पुलिस को घटना की सूचना दी।
गोविंदपुरा थाना प्रभारी अवधेश सिंह तोमर के मुताबिक सिटी हॉस्पिटल के स्टाफ, डायरेक्टर और परिजन पर हुए हमले के मामले में 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। हमला करने वालों की पहचान अस्पताल के CCTV फुटेज के आधार पर की जाएगी। अस्पताल संचालक के खिलाफ फिलहाल कोई केस दर्ज नहीं किया है। उनके खिलाफ भीड़ में शामिल लोगों की ओर से एक शिकायती आवेदन दिया गया है, जिसकी जांच कराई जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर
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