अनूपपुर: अमरकंटक नपा उपयंत्री ने खींची सुपरनोवा की दुर्लभ तस्वीर

टेलीस्कोपिक सिस्टम्स से 25 मई को यह प्री–डिस्कवरी एस्ट्रोनॉमर्स टेलीग्राम में प्रकाशित
अनूपपुर, 27 मई (हि.स.)। अंतरिक्ष में होने वाले सबसे भयानक विस्फोट के कारण सुपरनोवा का निर्माण होता है। जब कोई तारा अपने जीवन चक्र के अंतिम पड़ाव पर होता है और उसका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से न्यूनतम आठ गुना से अधिक होता है, तथा तारे के जीवनकाल में उसका द्रव्यमान लगातार उसके केंद्र में न्यूक्लियर फिशन के प्रक्रिया के तहत में इकट्ठा होकर लौह कोर के रूप में निर्मित होता रहता है। जिस समय तारा अपने केंद्र में इतना द्रव्यमान संचायित कर लेता है कि वह अपने ही द्रव्यमान को नियंत्रित नहीं कर सकता तो सुपरनोवा के रूप में प्रस्फुटित हो जाता है। जिससे अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा तथा द्रव्यमान अंतरिक्ष में फैल जाता है जिसके कारण यह अत्यधिक चमकीला दिखाई देता है। यह बहुत ही दुर्लभ और विशालतम खगोलीय घटना मानी जाती है। यह एक टाइप 2 सुपरनोवा है। पिनवील गैलेक्सी में घटित हुए सुपरनोवा की तस्वीर खोज के समय के पूर्व ही अनूपपुर जिले अमरकंटक में नगरीय प्रशासन विभाग में उपयंत्री देवल सिंह द्वारा खींची गई है।
उपयंत्री देवल सिंह ने बताया कि यह घटना 18 और 19 मई के बीच हमारी पृथ्वी से लगभग 2 करोड़ 87 लाख प्रकाशवर्ष दूर पिनवील गैलेक्सी (मेसियर 101) में घटित होते हुए अमरकंटक की पावन धरती से दर्ज की गई। इस सुपरनोवा को एसएन2023IXF नाम दिया गया है। उल्लेखनीय है की इस सुपरनोवा की खोज जापान के खगोलविद के. इतागकी द्वारा सर्वप्रथम 19 मई को की गई, परंतु अमरकंटक में नगरीय प्रशासन विभाग में उपयंत्री देवल सिंह ने इस खोज के पूर्व ही सुपरनोवा अपने इमेजिंग टेलीस्कोप से ऑब्जर्व कर लिया था। देवल सिंह द्वारा खोज के पूर्व ही खींची गई सुपरनोवा की फोटो का प्रमाणीकरण देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित वेधशालाओं के टेलीस्कोपिक सिस्टम्स से किया गया, और 25 मई 2023 को यह प्री–डिस्कवरी एस्ट्रोनॉमर्स टेलीग्राम मे प्रकाशित की गई।
देवल सिंह पेशे से एक सिविल इंजीनियर हैं एवं एमेचर एस्ट्रोफोटग्राफर हैं जो की अपने इमेजिंग टेलिस्कोप से अंतरिक्ष की दुर्लभ तस्वीरें खींचते हैं। देवल सिंह ने बताया कि 18 मई और 19 मई को पिनेहील गैलेक्सी की तस्वीरें खींच रहें थे जिस समय संयोगवश यह सुपरनोवा ऑब्जर्व उनके द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि अमरकंटक का लाइट पॉल्यूशन लेवल सिटी सेंटर में बोर्टल स्केल पर 3 से 4 के बीच है, तथा सिटी सेंटर से 3 किलोमीटर दूर ही बोर्टल 1 से 2 के बीच प्राप्त होता हैं जिसके कारण अमरकंटक इसस्टार्गेजिंग तथा खगोलीय ऑब्जर्वेशन हेतु एक बेहतरीन स्थान है। अमरकंटक का स्काई क्वालिटी मैग्नीट्यूड 21.67 के आसपास है, जो की इसे खगोलीय ऑब्जर्वेशन हेतु आदर्श स्थल है।
हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला/नेहा
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