इंदौरः कृषि उत्पादन आयुक्त ने की कृषि, सहकारिता, उद्यानिकी, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य विभाग के कार्यों की समीक्षा

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इंदौरः कृषि उत्पादन आयुक्त ने की कृषि, सहकारिता, उद्यानिकी, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य विभाग के कार्यों की समीक्षा


इन्दौर, 16 अक्टूबर (हि.स.)। कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान की अध्यक्षता में बुधवार को इंदौर संभाग में गत खरीफ की समीक्षा और आगामी रबी मौसम की तैयारियों के संबंध में संभागीय समीक्षा बैठक हुई, जिसमें कृषि, सहकारिता, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, पशुपालन, डेयरी, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य पालन विभागों और इनसे जुड़ी संस्थाओं की योजनाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों की जिलेवार समीक्षा की गई।

बैठक में कृषि कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के सचिव एम सिल्वेंदरम, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव डीपी आहूजा, पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव ई रमेश, कृषि विभाग के सचिव अजय गुप्ता, संभागायुक्त दीपक सिंह, इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह, खरगोन कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह, बडवानी कलेक्टर राहुल फटिंग, झाबुआ कलेक्टर नेहा मीणा, बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल, अलीराजपुर कलेक्टर डॉ. अभय अरविंद बेडेकर, समस्त जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सहित कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, सहकारिया, मत्स्य सहित अन्य विभाग के अधिकारी गण उपस्थित थे।

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान ने विभागवार कार्यों और योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए मैदान स्तर पर कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन संबंधी निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिये नवाचार तथा अधिक से अधिक किसानों को कृषि उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य विभाग की योजनाओं से जोड़ा जाए।

उन्होंने रबी सीजन 2024-25 में उर्वरक की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि सभी जिलों में डीएपी को रिप्‍लेस्मेंट करने के संबंध में विशेष जागरूकता प्रयास किये जाये। किसानों को उर्वरक की उपलब्धता समय पर उपलब्ध हो तथा उर्वरक वितरण सेंटरों की नियमित मॉनिटरिंग की जाये। डबल लॉक सेंटर पर राजस्व, कृषि और पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के दल द्वारा संयुक्त मॉनिटरिंग की जाये। उर्वरक विक्रय केन्द्रों, निजी दुकानदारों की सतत निगरानी की जाये। पॉस मशीन से उर्वरक की उपलब्धता एवं विक्रय की नियमित मॉनिटरिंग की जाये।

उन्होंने सोयाबीन उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि उपार्जन बेहतर तरीके से हो। किसानों का सत्यापन समय पर हो। सोयाबीन खरीदी के समय गुणवत्ता की स्थिति तथा किसानों को जागरूक करने के लिये लगातार प्रयास किये जाये। प्रत्येक सोयाबीन उपार्जन केन्द्र पर खरीदी के एक दिन पूर्व टीम भेज कर केन्द्र का निरीक्षण किया जाये। शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित हो। श्री सुलेमान ने निर्देश दिये कि कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों की जानकारी एवं सुविधा मिले इसके लिये विशेष प्रयास किये जाये। आधुनिक कृषि उपकरणों की उपलब्धता के लिये किसानों के पंजीयन के लिये विशेष अभियान चलाया जाये। प्रत्येक जिले में कृषि अभियांत्रिकी, कृषि विभाग एवं केवी के साथ बैठक आयोजित की जाये।

उन्होंने बीज निगम की देनदारियों की समीक्षा करते हुए डीडीए धार को आवश्यक निर्देश दिये। फसलवार पंजीयन बीज उत्पादन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि संभाग में बीज प्रमाणिकरण कार्यों की विस्तृत समीक्षा की जाये। उन्होंने मंडियों में फसल आवक एवं राजस्व प्राप्ति की समीक्षा करते हुए नियमित रूप से मंडियों के निरीक्षण के निर्देश दिये तथा मण्डी में आने वाले किसानों का फिडबेक लेते हुए उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु आवश्यक कार्रवाई के निर्देश भी दिये। परम्परागत कृषि विकास योजना की समीक्षा करते हुए जिलेवार कृषि उत्पादन की साइन्टिफिट स्टडी तैयार करने के निर्देश दिये।

कृषि उत्पादन आयुक्त सुलेमान ने संभाग में मत्स्य पालन गतिविधियों एवं योजनाओं एवं कार्यों के क्रियान्वयन समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि आरएएस कल्चर, बॉयो फ्लोक, बेकयार्ड केस कल्चर की गतिविधियों का प्रत्येक जिले में क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि योजना से किसानों को जोड़ा जाये। किसान क्रिडिट कार्ड से अधिक से अधिक मत्स्य पालन हितग्राहियों को जोड़कर लाभान्वित किया जाये। इसके लिये विशेष प्रयास सुनिश्चित की जाये। उन्होंने निर्देश दिये मच्‍छुआ समितियों के निर्वाचन एवं केसीसी की प्रगति सुनिश्चित की जाये।

बैठक में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के कार्यों एवं योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि उद्यानिकी फसलों को बेहतर मार्केट मिले और निर्यात की स्थिति बेहतर तरीके से सुनिश्चित हो इसके ‍लिये विशेष प्रयास किये जाये। सब्जी, मसाला, पुष्प एवं फल संबंधी गतिविधियों से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के लिये प्रयास किये जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि नवाचारों के माध्यम से उद्यानिकी फसलों के आर्थिक महत्व की जानकार किसानों को दी जाये तथा उन्हें उद्यानिकी फसलें लेने के लिये प्रोत्साहित किया जाये। किसानों के उत्पाद को बेहतर मार्केट, प्रोसेसिंग यूनिट से जोड़ने के लिये ‍विशेष पहल की जाये।

बैठक में सुलेमान ने सहकारिता विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि समितियों को बहुदेशीय रूप से उपयोगी बनाने के लिये विशेष प्रयास किये जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि अकार्यशील समितियों के परिसमापनाधीन की कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के माध्यम से टर्म लोन वितरण सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने ऋण वसूली की कम प्रगति के संबंध में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक जिला झाबुआ की विस्तृत जांच के निर्देश दिये। पेक्स अंकेक्षण की प्रगति समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये। सीसीबी बैंकों के माध्यम से अधिक से अधिक किसानों को केसीसी ऋण प्रदान करने के निर्देश भी दिये।

कृषि उत्पादन आयुक्त सुलेमान ने पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि मुर्गी पालन एवं बकरी पालन की गतिविधियों से अधिक से अधिक हितग्राहियों को जोड़ा जाये। इसके लिये समस्त जिला पंचायत सीईओ विशेष रूप से कार्य क्रियान्वयन सुनिश्चित कराये। उन्होंने निर्देश दिये कि दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से दुग्ध सग्रहण की प्रगति बढ़ाते हुए अधिक से अधिक पशुपालकों को समितियों से जोड़ा जाये। उन्होंने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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