जबलपुरः गर्लफ्रेंड के पिता और भाई की हत्या के मामले में फरार आरोपित ने थाने पहुंचकर किया सरेंडर
जबलपुर, 31 मई (हि.स)। जबलपुर में नाबालिग गर्लफ्रेंड के पिता और भाई की हत्या के आरोपित ने थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया है। आरोपित मुंह पर कपड़ा बांधकर गुरुवार रात करीब 11.45 बजे सिविल लाइन थाने पहुंचा और अपना नाम बताकर सरेंडर कर दिया। पुलिस उसे तत्काल गिरफ्तार करने के बाद गाड़ी में बैठाकर गोपनीय स्थान पर ले गए, जहां उससे पूछताछ की।
सिविल लाइन थाना पुलिस ने शुक्रवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि एक दिन पहले हरिद्वार पुलिस ने नाबालिग लड़की को पकड़ा था, तब उसका बॉयफ्रेंड मुकुल चकमा देकर फरार हो गया था। गुरुवार की रात सिविल लाइन थाने में रोजाना की तरह पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे। इसी दौरान मुंह पर कपड़ा बांधकर एक युवक पहुंचा। बोला- मुझे इंस्पेक्टर सर से मिलना है। युवक को देखने के बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने कहा कि क्या काम है। इसके बाद युवक ने कहा कि मेरा नाम मुकुल सिंह है। मैं वही मुकुल हूं, जिसने 15 मार्च को मिलेनियम कॉलोनी में राजकुमार और तनिष्क की हत्या की थी।
गौरतलब है कि 15 मार्च 2024 को जबलपुर की मिलेनियम कालोनी निवासी रेलवे के अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा (52) और उनके आठ साल के बेटे तनिष्क की हत्या कर दी गई थी। राजकुमार रेल विभाग में कार्यालय अधीक्षक थे। हत्या के बाद उनकी नाबालिग बेटी ने भोपाल में रहने वाली चचेरी बहन को चार सेकेंड का वॉइस मैसेज किया था, जिसमें उसने कहा था कि पड़ोस में रहने वाले मुकुल ने पापा और भाई को मार डाला है। सूचना मिलने पर पुलिस आरपीएफ के साथ उनके घर पहुंची, तो घर पर बाहर से ताला लगा था। ताला तोड़कर पुलिस अंदर दाखिल हुई। किचन में राजकुमार खून से लथपथ मृत पड़े थे। शव पॉलीथिन से कवर थे। वहीं, फ्रिज में पॉलीथिन के ऊपर चादर में लिपटी तनिष्क की खून से सनी लाश मिली थी। उनकी बड़ी बेरहमी से धारदार भारी हथियार से हत्या की गई थी। हत्या करने के बाद आरोपित मुकुल सिंह और मृतक रेलवे अधिकारी नाबालिग बेटी फरार हो गए थे।
पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपित घटना के दो दिन पहले भी शहर में घूमते हुए दिखे थे। पुलिस नाबालिग और उसके बॉयफ्रेंड को नेपाल में तलाशती रही। वे उत्तराखंड के हरिद्वार में फरारी काट रहे थे। आरोपित लड़की और बॉयफ्रेंड मुकुल सिंह (21) ने पिछले एक महीने से हरिद्वार को ठिकाना बना रखा था। दोनों यहां अलग-अलग आश्रमों में रह रहे थे। पूछताछ के दौरान उन्होंने पुलिस से कहा कि वे घूमने आए हैं। वारदात के 75 दिन बाद 28 मई को नाबालिग तो पकड़ी गई, लेकिन मास्टरमाइंड बॉयफ्रेंड चकमा दे गया था। उसने अस्पताल के अंदर से बैग लेकर आने का कहकर दौड़ लगा दी थी। गुरुवार की रात मुकुल सिंह ने थाने पहुंचकर खुद को सरेंडर कर दिया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/विलोक
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