मंदसौरः श्री पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक पर चल समारोह निकला, धर्मसभा का भी हुआ आयोजन

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मंदसौरः श्री पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक पर चल समारोह निकला, धर्मसभा का भी हुआ आयोजन


मन्दसौर। 13 अगस्त (हि.स.)। जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान श्री पार्श्वनाथजी का मोक्ष कल्याणक महोत्सव कल मंगलवार को श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के द्वारा भव्य रूप से मनाया गया। दो दिवसीय इस महोत्सव के द्वितीय दिवस मंगलवार को श्री पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक महोत्सव के अंतर्गत शोभायात्रा ( चल समारोह) व प्रभुजी की रथयात्रा का आयोजन किया गया।

जैन संत श्री योगरूचि विजयजी म.सा. व मंदसौर में चातुर्मास हेतु विराजित जैन साध्वियों की पावन निश्रा में जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ का विशाल चल समारोह निकाला गया। इस चल समारोह में मंदसौर नगर के विभिन्न श्वेताम्बर जैन मंदिरों से जुड़े धमार्लुजन बड़ी संख्या में शामिल हुए। बैण्ड बाजे के साथ यह चल समारोह श्री श्रेयांसनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर नईआबादी से प्रारंभ हुआ।

चल समारोह के प्रारंभ में कुबेर हाल में श्रावक श्राविकाओं हेतु नवकारसी का आयोजन किया गया। नवकारसी के उपरांत यह चल समारोह गुरूद्वारा रोड़, मालगोदाम रोड़, नानेश नगर, गीता भवन रोड़ होते हुए पद्माावति परिणय रिसोर्ट पहुंचा। यहां प्रभु पार्श्वनाथजी के मोक्ष कल्याणक पर्व पर विशाल धर्मसभा का आयोजन किया गया। धर्मसभा में बड़ी संया में मंदसौर नगर के जैन धमार्लुजन शामिल हुवे। प.पू. पन्यास प्रवर श्री योगरूचि विजयजी म.सा. ने कहा कि प्रभु पार्श्वनाथजी का सम्पूर्ण जीवन प्रेरणादायी है। शत्रु भाव रखने वालों के प्रति भी मैत्री भाव रखो। यह प्रेरणा हमें भगवान पार्श्वनाथजी ने दी है। प्रभु पार्श्वनाथ के 10 भव हुये और हर भव में उन्होंने कई उपसर्ग सहे लेकिन अपने मन में बैर भाव नहीं आने दिया।

हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया / मुकेश तोमर

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