पन्ना : जेके सीमेंट प्लांट का शुभारंभ, लेकिन किसानों की आंख में आंसू

पन्ना : जेके सीमेंट प्लांट का शुभारंभ, लेकिन किसानों की आंख में आंसू


पन्ना : जेके सीमेंट प्लांट का शुभारंभ, लेकिन किसानों की आंख में आंसू


पन्ना, 2 नवंबर (हि.स.)। हीरा नगरी पन्ना जिले के सिमरिया तहसील अन्तर्गत हरदुआ केन में स्थापित जेके सीमेंट के नव निर्मित प्लांट का शुभारंभ बुधबार को प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया।

आपको बता दें कि इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर एक ओर जहां सीमेंट कंपनी प्रबंधन में उत्सुकता और उत्साह का माहौल था। वहीं दूसरी तरफ यह प्लांट जिन किसानों की जमीनो पर खड़ा है उनकी आंख मे आंसू और हृदय में पश्चाताप की भावनाओं का ज्वार उठ रहा है, क्योंकि जो सपने इस क्षेत्र के भोले-भाले गरीब किसानों को क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों, सीमेंट कंम्पनी के दलालों और जिले के अधिकारियों ने दिखाये थे वे अब तक पूरी तरह झूठे सब्जबाग ही साबित हुए हैं। वहीं इस भीषण बेरोजगारी के दौर मे सीमेंट प्लांट से रोजगार मिलने की आस लगाये बैठे शिक्षित बेरोजगार युवाओं को भी निराशा हाथ लगी है।

स्थानीय युवाओं को जिस अनुपात में रोजगार मिलना चाहिए था वह पूरी तरह नदारत है। क्षेत्र के किसानो के शिक्षित बेरोजगार बच्चे और जिले के युवा उतनी तादात में रोजगार नहीं पा सके जितना उनका हक बनता है। गिनती के जिन लोगों को सीमेंट कम्पनी मे नौकरी मिली है वे जिले के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की सिफारिश से वहां पहुचें है, जबकि सीमेंट प्लांट की आधारशिला रखते समय कंपनी प्रबंधन और जिले के जनप्रतिनिधियों द्वारा 70 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगो को दिलाने का भरोसा दिलाया गया था।

जेके सीमेंट प्लांट अति पिछडे जिले के लिए अब तक छलावा ही साबित हुआ है। पहले कंपनी प्रबंधन ने बिचौलियों के जरिये कोडियों के दाम पर क्षेत्र के किसानो की अजीवका एक मात्र स्त्रोत उनके खेत खरीद लिये और अब उनके बच्चो सहित जिले के युवाओं को प्लांट मे रोजगार के लिए भी अपेक्षित नोकरिया नसीब नही हो रही है।

बताते चले की जेके सीमेंट प्लांट का निर्माण सिमरिया क्षेत्र के जिस क्षेत्र में हुआ हैं, वह इलाका पन्ना टाईगर रिजर्व क्षेत्र के काफी नजदीक है और पन्ना जिले में खेती के लिए जो सबसे उर्वर भूमि इसी इलाके में है, क्योकि यह केन नदी और उसके सहयाक नदीयों के कछार का इलाका है। विदित हो पन्ना और छतरपुर का जंगल यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल है, अब इस इलाके की आवोहवा में सीमेंट फैक्ट्री का प्रदूषण रूपी जहर घुलेगा। साथ ही सबसे स्वच्छ और निर्मल जल राशि वाले नदियों में शामिल केन नदी को भी सीमेंट प्लांट से निकलने वाला अवशिष्ट प्रदूषित करेगा। पिछले कुछ समय से जेके सीमेट के अधिकारी कर्मचारी अपने मीडिया मैनेजमेंट के जरिये यह दिखावा कर रहे है कि सीएसआर गतिविधियों के तहत किये जाने वाले जन कल्याण के कार्य करके कंपनी उनके उपर उपकार कर रही है, जबकी सीएसआर के तहत जन कल्याण के कार्य करना नेगम समाजिक दायित्व के साथ साथ कानूनी बाध्यता है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुरेश पाण्डेय/रोहित कुमार

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