मप्रः नेशनल लोक अदालत में 94 हजार 522 मामलों का हुआ निराकरण

मप्रः नेशनल लोक अदालत में 94 हजार 522 मामलों का हुआ निराकरण
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मप्रः नेशनल लोक अदालत में 94 हजार 522 मामलों का हुआ निराकरण


- 414 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के अवार्ड पारित

भोपाल, 9 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें वर्षों से चल रहे मामलों का आपसी सहमति के आधार पर पल भर में पटाक्षेप हो गया। इस लोक अदालत में छह लाख से अधिक मामले सुनवाई के लिए रखे गए थे, जिनमें से 94 हजार 522 मामलों में आपसी सुलह-मशविरा के आधार पर निराकरण किया गया। वहीं, 414 करोड़ रुपये की राशि के अवार्ड पारित किए गए।

मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव रत्नेश चंद्र बिसेन और अतिरिक्त सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ मप्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संरक्षक न्यायमूर्ति रवि विजय मलिमठ ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोक अदालत विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान और न्यायालय में लंबित मामलों को शीघ्रता से निपटाने के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में उभरी है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में नेशनल लोक अदालत में 1300 से अधिक खंडपीठों का गठन किया गया था। हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर व इंदौर-ग्वालियर बेंच में 12 खंडपीठ, जबकि जिला व तहसील अदालतों में 1,321 खंडपीठों के जरिए परस्पर सहमति से विवादों का निराकरण किया गया। इस बार सुनवाई के लिए दो लाख 30 हजार लंबित व चार लाख 15 हजार प्री-लिटिगेशन मामले निर्धारित रखे गए थे, जिसमें से न्यायालयों में लंबित 33 हजार ग्यारह मामले समझौते के माध्यम से निराकृत किए गए। इसके अलावा प्री-लिटिगेशन के 61 हजार 511 मामलों का निराकण किया गया। इस तरह कुल 94 हजार 522 मामलों का आपसी रजामंदी से पटाक्षेप किया गया है और 414 करोड़ की अवार्ड राशि पारित की गई।

उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट की जबलपुर मुख्यपीठ सहित इंदौर व ग्वालियर में नेशनल लोक अदालत में सुनवाई के लिए 12 खंडपीठ गठित की गई थी। इनमें जबलपुर मुख्यपीठ में 1,363 मामले सुनवाई के लिए रखे गए थे। इनमें से 656 मामलों का निराकरण किया गया। इंदौर हाईकोर्ट में 530 मामलों में से 252 मामलों का पटाक्षेप किया गया। इसी तरह ग्वालियर खंडपीठ में 413 मामलों में से 257 मामलों का निराकरण किया गया। इस तरह मुख्यपीठ सहित इंदौर व ग्वालियर खंडपीठ में 1,135 मामलों का निराकरण किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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