उज्जैन में नकली दवाओं का निर्माण करने वाले 4 आरोपियों को 3 साल की सजा

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उज्जैन में नकली दवाओं का निर्माण करने वाले 4 आरोपियों को 3 साल की सजा


उज्जैन , 16 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन में नकली दवाओं के निर्माण, भंडारण और बिक्री के मामले में न्यायालय ने मंगलवार को 8 साल पुराने प्रकरण में 4 आरोपियों को दोषी मानते हुए तीन-तीन साल के कारावास और कुल 6 लाख रु. के अर्थदंड से दंडित किया है।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीसी गुप्ता के न्यायालय ने औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरण में चार आरोपियों को दोषी ठहराया। दोषी पाए गए आरोपियों में संतोष कुमार धींग पुत्र समरतमल धींग, निवासी शिवाजी पार्क कॉलोनी देवास रोड, राजेंद्र शर्मा पुत्र छिंगाराम शर्मा निवासी विजय नगर इंदौर, प्रवीण शाह निवासी एबी रोड पिगडेंगर इंदौर और शांतिलाल निवासी बैंगलोर शामिल हैं। न्यायालय ने सभी को धारा 18(सी), 27(बी)2 सहित अन्य प्रावधानों के तहत 3 साल के कारावास और कुल छह लाख रु. के अर्थदंड से दंडित किया है।

वर्ष- 2016 में हुई थी कार्रवाई

मीडिया सेल प्रभारी कुलदीप सिंह भदौरिया ने बताया कि 21 सितंबर 2016 को खाद्य एवं औषधि प्रशासन निरीक्षक लोकेश गुप्ता, अल्केश यादव और अजय ठाकुर की टीम ने नागझिरी देवास रोड स्थित सिमको ऑर्गेनिक्स पर छापा मारा था। जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी संतोष कुमार धींग के पास एलोपैथिक दवाओं के निर्माण का कोई वैध लाइसेंस नहीं था। मौके से एलोपैथिक मलहम और टैबलेट्स के साथ-साथ पैकिंग सामग्री और पैकिंग मशीन भी जब्त की गई थी।

साक्ष्य और तर्क के आधार पर मिली सजा

प्रकरण की जांच औषधि निरीक्षक धरम सिंह कुशवाह द्वारा की गई। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ओर से आरोपियों के खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की विभिन्न धाराओं में परिवाद प्रस्तुत किया गया था। न्यायालय ने विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की साक्ष्य और अंतिम तर्कों के आधार पर सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। मामले में विशेष लोक अभियोजक उमेश सिंह तोमर ने पैरवी की।

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हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्‍वेल

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