मप्र में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का ज्ञान देने 3390 आईसीटी लैब स्थापित
- लैब की मॉनिटरिंग के लिये विमर्श पोर्टल में विकसित किया गया इंटीग्रेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम
भोपाल, 8 सितम्बर (हि.स.)। प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के संदर्भ में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में डिजिटल लिटरेसी को विकसित करने के उद्देश्य से आईसीटी (इन्फार्मेशन एण्ड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी) लैब स्थापित की जा रही हैं। प्रदेश में अब तक 3390 आईसीटी लैब स्थापित की जा चुकी हैं। केन्द्र सरकार की इस योजना में स्कूल में कम्प्यूटर लैब स्थापित की जा रही हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से कम्प्यूटर लैब की स्थापना का कार्य विकेन्द्रीकृत तरीके से जिलों द्वारा किया जा रहा है।
जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने रविवार को बताया कि आईसीटी लैब की नियमित मॉनिटरिंग एवं मासिक समीक्षा गतिविधियों के लिये विमर्श पोर्टल में एक इंटीग्रेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया गया है। डिटिजल लिटरेसी से संबंधित कौशल आज के तकनीकी युग की आवश्यकता बन चुकी है। जिसमें भविष्य में विद्यार्थियों को अच्छे करियर ऑप्शन हो सकें। इसको ध्यान में रखते हुए आईसीटी लैब के अध्यापन से संबंधित पाठयवस्तु का निर्धारण किया गया है। कक्षा 6 से 12 के विद्यार्थियों के लिये आईसीटी से संबंधित विषयवस्तु तैयार की गई है। आईसीटी लैब के माध्यम से विद्यार्थियों को कम्प्यूटर, इंटरनेट और अन्य डिजिटल साधनों का उपयोग करने का प्रशिक्षण भी मिल रहा है, जिससे विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की आईसीटी के प्रति रूचि बढ़ी है।
सरकारी स्कूलों में डिजिटल साक्षरता पर जोर
प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार के लिये स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इस कार्य में अनेक स्वयंसेवी संगठन शिक्षा से जुड़ी योजनाओें के क्रियान्वयन में राज्य सरकार की मदद कर रहे हैं। इसी तरह का एक संगठन श्रीराम फाइबर फाउण्डेशन (एसआरएफ) कार्य कर रहा है।
700 युवाओं का किया गया प्लेसमेंट
भिण्ड एवं धार जिले में बेसिक इलेक्ट्रीशियन ट्रेनिंग सेंटर चलाये जा रहे हैं। इन सेंटर में 18 वर्ष से अधिक के युवाओं को 4 माह का इलेक्ट्रिक से संबंधित कोर्स कराया जा रहा है। कोर्स पूरा होने पर इलेक्ट्रिक किट भी प्रदान की जा रही है। इन सेंटर्स के माध्यम से अभी तक 1200 से अधिक युवाओं को इलेक्ट्रिक ट्रेनिंग दी गई है। फाउण्डेशन द्वारा 700 से अधिक युवाओं का रोजगार के मकसद से प्लेसमेंट भी कराया गया है।
डिजिटल साक्षरता
ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों को डिजिटल साक्षर बनाने की कोशिश की जा रही। फाउण्डेशन ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल बस भेजकर विद्यार्थियों को कम्प्यूटर संबंधी जानकारी दे रहा है। डिजिटल बस “आईसीटी लैब ऑन द व्हील’’ नाम से चलायी जा रही है। बस में 20 कम्प्यूटर और 2 एलसीडी स्क्रीन प्रिंटर लगाये गये हैं। छात्रों में नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के लिये चयनित स्कूल परिसर में स्वच्छ विद्यालय कमेटी का गठन किया गया है। इसमें 20 छात्र शामिल किये गये हैं। सभी को अलग-अलग दायित्व सौंपे गये हैं। शिक्षकों में टीचिंग स्किल बढ़ाने के लिये चयनित शिक्षकों को दूसरे राज्यों में एक्सप्लोजर विजिट पर भी भेजा गया है।
अन्य कार्य
भिण्ड जिले के 10, धार जिले के 15 और भोपाल जिले के 10 स्कूलों में पिछले 3 वर्षों से विकास कार्य किये जा रहे हैं। फाउण्डेशन द्वारा स्कूल भवन का मरम्मतीकरण, रंग-रोगन और बाउण्ड्री-वॉल का निर्माण किया गया है। आकदमिक रूपांतरण के अंतर्गत विज्ञान प्रयोगशाला और पुस्तकालय के अपग्रेडेशन पर भी काम किया जा रहा है। चयनित स्कूलों में विद्यार्थियों को पीने का पानी साफ मिले, इसके लिये ड्रिंकिंग वॉटर स्टेशन का निर्माण और स्कूलों के शौचालयों की मरम्मत कार्य को प्राथमिकता दी गई है। चयनित स्कूलों में छात्रों के बैठने के लिये बैंच-डेस्क और ग्रीन बोर्ड भी प्रदान किये गये हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।