2047 की शहरी जरूरतों को ध्यान में रखकर प्रदेश में हो रहा नियोजित नगरीय विकास : कैलाश विजयवर्गीय

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2047 की शहरी जरूरतों को ध्यान में रखकर प्रदेश में हो रहा नियोजित नगरीय विकास : कैलाश विजयवर्गीय


- मंत्री विजयवर्गीय ने मप्र सरकार के दो वर्षों की उपलब्धियों का खाका प्रस्तुत किया

भोपाल, 18 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश में नगरीय विकास को लेकर राज्य सरकार की सोच अब केवल वर्तमान आवश्यकताओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि भविष्य की चुनौतियों और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक रणनीति पर आधारित है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए “विजन विकास–विजन मध्य प्रदेश” के अंतर्गत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार के दो वर्षों की उपलब्धियों और भावी योजनाओं का विस्तृत खाका प्रस्तुत किया।

मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पष्ट सोच है कि वर्ष 2047 तक देश की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी शहरी क्षेत्रों में निवास करेगी। ऐसे में आज से ही ठोस रणनीति, सुनियोजित योजना और आधुनिक तकनीक के साथ नगरीय विकास पर काम करना अनिवार्य है। इसी दृष्टिकोण के अनुरूप मध्य प्रदेश में शहरी विकास की योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है।

अटके मास्टर प्लान जल्द होंगे जारी

मीडिया के सवालों के जवाब में नगरीय प्रशासन मंत्री ने बताया कि भोपाल और इंदौर सहित अन्य बड़े शहरों के मास्टर प्लान तैयार हो चुके हैं। मुख्य सचिव द्वारा परीक्षण भी किया जा चुका है और इन्हें शीघ्र ही जारी किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना मास्टर प्लान के शहरी विकास अधूरा रहता है, इसलिए सरकार इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।

शहरी परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर

मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि मध्य प्रदेश में शहरी एवं ग्रामीण परिवहन के लिए लगभग 600 नई बसें आ रही हैं। इसके साथ ही नगरीय प्रशासन विभाग में सभी शासकीय वाहन इलेक्ट्रिक किए जा रहे हैं। अगले तीन से चार वर्षों में विभाग पूरी तरह ई-वाहनों पर आधारित होगा। भोपाल और इंदौर में ट्रैफिक मैनेजमेंट को भी आधुनिक तकनीक से सुदृढ़ किया जाएगा।

स्लम फ्री शहर और बेहतर जीवन गुणवत्ता

उन्होंने कहा कि स्लम फ्री सिटी की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है, ताकि शहरी गरीबों को बेहतर आवास और मूलभूत सुविधाएं मिल सकें। रैन बसेरों और दीनदयाल रसोई का विस्तार किया गया है। दीनदयाल रसोई में भोजन की थाली का मूल्य 10 रुपये से घटाकर पांच रुपये कर दिया गया है, जिससे गरीब और श्रमिक वर्ग को बड़ी राहत मिली है।

नर्मदा संरक्षण और अग्निशमन सेवाओं को मजबूती

मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि नर्मदा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने दावा किया कि एक वर्ष के भीतर यह सुनिश्चित कर लिया जाएगा कि किसी भी पंचायत या नगरीय निकाय का गंदा पानी नर्मदा नदी में न जाए। इसके लिए सीवरेज परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अग्निशमन सेवाओं को लेकर अलग विभागीय इकाई बनाई जा रही है। अब फायर पुलिस के स्थान पर नगरीय प्रशासन विभाग की स्वतंत्र फायर इकाई होगी, जिससे आपातकालीन सेवाओं की दक्षता और जवाबदेही दोनों बढ़ेंगी।

भविष्य की सोच का उदाहरण 'इंदौर'

अपने इंदौर महापौर कार्यकाल को याद करते हुए मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि उन्होंने उस समय 25 वर्षों की अग्रिम योजना बनाई थी, जबकि महापौर का कार्यकाल केवल पांच वर्ष का था। उस समय कई सवाल उठे थे, लेकिन आज इंदौर का लगातार कई वर्षों तक देश का सबसे स्वच्छ शहर बनना उसी दूरदर्शी और योजनाबद्ध सोच का परिणाम है।

हरित शहरों की दिशा में बड़ा कदम

पर्यावरण संरक्षण को सरकार की प्राथमिकताओं में बताते हुए मंत्री ने कहा कि प्रदेश को अधिक से अधिक “ग्रीन सिटी” बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। हाल ही में पूरे प्रदेश में 51 लाख पौधे लगाए गए हैं। यह प्रयास आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन, हीट वेव और प्रदूषण से निपटने में सहायक सिद्ध होगा।

इस अवसर पर मंत्री ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग के बजट 2024-25 की प्रमुख विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पूंजीगत मद में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है, जिससे सड़कों का निर्माण, मास्टर प्लान रोड्स, कायाकल्प अभियान और शहरी अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी। उन्‍होंने साथ ही ये भी कहा कि केंद्र सरकार की अमृत योजना के अंतर्गत लगभग 12,000 करोड़ रुपये के कार्यों को अगले तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 588 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मेट्रो परियोजनाओं के लिए 1,160 करोड़ रुपये, शहरी सड़कों के लिए 400 करोड़ रुपये तथा मास्टर प्लान सड़कों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।

सिंहस्थ 2028 की तैयारी शुरू

मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि सिंहस्थ 2028 की तैयारी को लेकर इस वर्ष 500 करोड़ रुपये का नया बजट प्रावधान किया गया है, जिससे आयोजन को उच्च गुणवत्ता, बेहतर प्रबंधन और आधुनिक तकनीक के साथ संपन्न किया जा सके। अंत में मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि आज नगरीय विकास के एक नए अध्याय की शुरुआत है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नगरीय विकास की परिकल्पना को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में पूरी गंभीरता, पारदर्शिता और कुशलता के साथ लागू किया जा रहा है ।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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