अनूपपुर: कोयला खदान में बारूदी धमाको के बीच 200 बच्चों की जिंदगी, 20 मीटर दूरी पर संचालित विद्यालय

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अनूपपुर: कोयला खदान में बारूदी धमाको के बीच 200 बच्चों की जिंदगी, 20 मीटर दूरी पर संचालित विद्यालय


अनूपपुर: कोयला खदान में बारूदी धमाको के बीच 200 बच्चों की जिंदगी, 20 मीटर दूरी पर संचालित विद्यालय


अनूपपुर: कोयला खदान में बारूदी धमाको के बीच 200 बच्चों की जिंदगी, 20 मीटर दूरी पर संचालित विद्यालय


अनूपपुर, 1 अगस्त (हि.स.)। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले की सीमा पर संचालित शासकीय हाई स्कूल बकही में अध्ययनरत 200 से ज्यादा छात्र-छात्राएं भय के साय में विद्या अध्ययन रहे है। विद्यालय से महज 20 मीटर की दूरी पर खुली खदान परियोजना संचालित है, जहां की बारूदी धमाको से दीवारे दरक चुकी है, वही खेल मैदान में पत्थर तक गिरे चुके है, इसके बावजूद भी जर्जर भवन में बच्चे शिक्षा अध्ययन को मजबूर है और जिम्मेदार भगवान भरोसे बैठे हुए है।

दक्षिण पूर्व कोल फील्डस् लिमिटेड की खुली खदान परियोजना शारदा माईंस पैच बकही में कोयला उत्खनन का कार्य किया जा रहा है। उत्खनन क्षेत्र के आस-पास ग्रामवासियों का निवास स्थल के साथ प्राथमिक विद्यालय से लेकर हाई स्कूल तक संचालित है। सुरक्षा नियमों को ध्यान में न रखते हुए हैवी ब्लास्टिंग कर कोयले का उत्खनन किया जा रहा है। एसईसीएल प्रबंधन तो पूरी तरह लापरवाह दिखाई दे रहा है साथ ही विद्यालय प्राचार्य एवं सहायक आयुक्त भी किसी बडी घटना के इंतजार में है।

सैकडों बच्चों की जिंदगी दांव पर

ग्राम बकही में संचालित विद्यालय प्रांगण में आंगनबाडी से लेकर हाई स्कूल तक के बच्चे अध्ययनरत है। सभी कक्षाओं को मिलाकर लगभग 200 से ज्यादा बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है। विद्यालय से महज 20 मीटर दूरी पर एसईसीएल की शारदा माईंस से हैवी ब्लास्टिंग कर कोयला उत्खनन का कार्य हो रहा है, धमाकों के कारण विद्यालय की दीवारे कई जगहों से दरक चुकी है वहीं भवन भी एक ओर छुक गया है। विद्यालय के पीछे के भाग में लगे हुए खिडकियों के छज्जे लटक चुके है, जिससे खिडकी भी नही खुलती है, वहां लगे हुए टीन शेड टूटे-फूटे है, ऐसी ही स्थिति में शिक्षक व बच्चों को अध्ययन करना पडता रहा है। कुल मिलाकर सैकडों बच्चों की जिंदगी जोखिम भरा है।

प्रबंधन को नही परवाह

कालरी प्रबंधन द्वारा खुली खदान परियोजना संचालित कर अपने कार्य को अंजाम तो दिया जा रहा है, परंतु विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों और ग्रामीणों की परवाह नही है। सुरक्षा मानकों एवं एसईसीएल के नियमों के विपरीत कार्य कर लोगों की जान जोखिम में डाल रहे है, मौखिम संदेश के बाद भी बच्चों की सुविधा व सुरक्षा पर लापरवाही बरती जा रही है।

बच्चों ने बताया हमें लगता है डर

शासकीय हाई स्कूल बकही में अध्ययरत छात्र अनुराग चौधरी ने कहा कि कोयले की खदान में जब भी ब्लास्टिंग होती है हमें बहुत डर लगता है, ऐसा प्रतीत होता है कि कभी भी छत गिर सकती है, लेकिन हमारी ओर कोई ध्यान नही दे रहा है। छात्र कार्तिक बैगा ने कहा कि विद्यालय के पीछे से जोर से धमका होता है, जिससे भवन व दीवारे हिल जाती है, कई जगहों पर दरार दिखाई देने लगे है, परंतु हमारी सुरक्षा का किसी को परवाह नही है। छात्र अमन सिंह ने कहा कि कई बार जब हैवी ब्लास्टिंग होती है तो पत्थर खेल मैदान तक पहुंच जाते है, खेल मैदान में कई बच्चे छुट्टी के समय खेलते रहते है, ऐसे में कभी भी बच्चों को पत्थर लग सकती है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर कोई कार्य नही किया जा रहा है, इसलिए हमें इस विद्यालय में शिक्षा अर्जन करने से भय लगने लगा है।

छात्रा नूरी बी ने बताया कि जब हम विद्यालय में पढाई करते है तभी ब्लास्टिंग होती है, जिससे पढाई में व्यवधान उत्खन्न हो होता ही है साथ ही डर भी लगता है। विद्यालय के पीछे ही धमाका किया जाता है, जिससे विद्यालय की छत खराब हो चुकी है कभी भी हादसा हो सकता है। अध्ययनरत प्रिंसी महरा ने कहा कि बज कालरी में ब्लास्टिंग की जाती है तभी विद्यालय में लगे पंखे हिलने-ढुलने लगते है, ऐसा लगता है कि कभी हमारे ऊपर ही न गिर जाये। भय बना रहता है, जिसके कारण हमें पढाई में बहुत समस्याओं का सामना करना पड रहा है।

प्राचार्य रंजीत विक्रम सिंह ने बताया कि मौखिक रूप से मेरे द्वारा कालरी प्रबंधन को बताया गया था, उनके द्वारा विद्यालय समय पर ब्लास्टिंग बंद कर दी गई है, अभी तो कोई समस्या नही है, बाद में उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जायेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

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