मप्रः धर्मांतरण करने वाले 152 लोगों की स्वेच्छा से कराई गई सनातन धर्म में घर वापसी
बैतूल, 23 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के अमरावती जिले की सीमा से सटे गांवों में प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराए गए 152 लोगों की स्वेच्छा से सनातन धर्म में घर वापसी हुई है। इनमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग शामिल हैं। सावलमेंढा के रामदेव बाबा संस्थान में लोगों के हाथ में कलावा बांधा गया। साथ ही गंगा जल पिलाकर और पैर पखार कर हिंदू धर्म में वापसी करवाई गई।
हिंदू संगठन से जुड़े राजा ठाकुर ने शनिवार को बताया कि बैतूल जिले के महाराष्ट्र की सीमा से सटे ग्राम सावलमेंढा में रामदेव बाबा संस्थान के प्रयासों से अचलपुर, सावलमेंढा ,भैंसदही, कोथलकुंड , बडगांव जूनापानी, भंडोरा एवं अन्य गांवों के अनुसूचित जनजाति, अनुसुचित जाति के 152 महिला, पुरुषों की हिन्दु (सनातन) धर्म में घर वापसी करवाई गई। उन्हें गंगा जल पिलाकर और पैर पखारकर वापस हिंदू धर्म में शामिल कराया गया। घर वापसी करने वाले सभी लोगों के गंगा जल से पैर पखारे गए, यक्ष माला पहनाकर यज्ञ हेतु भेजा। कोथलकुंड के आशीष वाजपेयी द्वारा रक्षा सूत्र बांधकर आहुतिया डलवाई गईं।
घर वापसी करने वालों ने ईसाई समाज के लोगों पर बीमारी का इलाज कराने का लालच देकर धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया है। घर वापसी करने वाले सभी का कहना है कि हम अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में आ रहे हैं। समाज के गोकुल पंन्द्राम, महेन्द्र सिंह द्वारा रामदेव बाबा संस्थान सांवलमेंढा में समस्त व्यवस्था की गई। घर वापसी करने वाले महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के गांवों के लोगों का कहना है कि अब वे मेलघाट एवं मध्यप्रदेश की सीमा पर सभी गांव के मतांतरित परिवार को समझाइश देकर हिन्दू धर्म में वापस लाएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद
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