राजस्व महाअभियान 3.0 के तहत शत-प्रतिशत हो लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरणः संभागीय आयुक्त
- दूध एवं दूध से बने उत्पादों के परिवहन में आधारकार्ड को अनिवार्य किया जाए
ग्वालियर, 29 नवंबर (हि.स.)। राजस्व महाअभियान 3.0 शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाला अभियान है। इसके तहत राजस्व विभाग से संबंधित लंबित सभी प्रकरणों का निराकरण हो, यह सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही प्रत्येक पंचायत में बी-1 का वाचन हो। संभागीय आयुक्त मनोज खत्री ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में यह बात कही।
ग्वालियर-चंबल संभाग के जिला कलेक्टरों एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के साथ समीक्षा बैठक में संभागीय आयुक्त खत्री ने शासन की कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। बैठक में ग्वालियर-चंबल संभाग के जिला कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत सहित संभागीय आयुक्त कार्यालय के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में संभाग स्तरीय विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
संभागीय आयुक्त खत्री ने सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि राजस्व महाअभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करें और राजस्व प्रकरणों का तत्परता से निराकरण कराएँ। इसके साथ ही सभी अपर कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार भी क्षेत्र में भ्रमण कर अभियान के तहत राजस्व प्रकरणों का निराकरण सुनश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि राजस्व न्यायालयों का भी निरीक्षण अभियान के तहत किया जाए।
संभागीय आयुक्त ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि राजस्व वसूली की तर्ज पर ही विद्युत बिलों की वसूली करने पर राजस्व अधिकारियों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया है। ग्वालियर-चंबल संभाग में ऊर्जा विभाग की वसूली पर भी राजस्व अधिकारी विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि संभाग के कुछ जिलों में विद्युत बिल की राशि अदा न करने पर शस्त्र लायसेंस नवीनीकरण न करने की पहल भी की गई है। सभी राजस्व अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में विद्युत बिलों की राशि भी वसूलने की कार्रवाई करें। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बड़े बकाएदारों की सूची राजस्व अधिकारियों को उपलब्ध कराएं, ताकि वसूली की कार्रवाई की जा सके।
जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान संभागीय आयुक्त मनोज खत्री ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायतों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने जिले में जल जीवन मिशन की नियमित समीक्षा करें। इसके साथ ही योजना के तहत खराब हुईं सड़कों के संधारण के कार्य को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दें। ग्वालियर-चंबल संभाग के जिन जिलों में जल जीवन मिशन के तहत परियोजनायें पूर्ण होकर हैण्डओवर कर दी गई हैं वहाँ पर जल कर की राशि की वसूली भी की जाए।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान सभी जिला कलेक्टरों से अपेक्षा की गई थी कि डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय किए जाएं। इसके साथ ही इन बीमारियों से बचने के लिये आम जनों को किस प्रकार की सावधानियां बरतनी हैं, उसका भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। केन्द्र सरकार द्वारा 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान कार्ड उपलबध् कराने की योजना के तहत दोनों संभागों में आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य तेजी के साथ पूर्ण किया जाए।
संभागीय आयुक्त खत्री ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में दूध एवं दूध से बने पदार्थों के परिवहन में आधार कार्ड को अनिवार्य किया जाए। इन पदार्थों को परिवहन करने वालों से आधारकार्ड अनिवार्यत: लिया जाए। इसकी जानकारी संबंधित परिवहन विभाग को भी अवश्य दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मिलावट के संबंध में जो प्रकरण निर्णय हेतु राजस्व न्यायालय में लंबित है, उनका निराकरण भी तत्परता से किया जाए।
ग्वालियर-चंबल संभाग में किसानों को खाद उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को पारदर्शी रखा जाए। इसके साथ ही खाद वितरण पर कड़ी निगरानी सभी जिलों में रखी जाए। निधि विक्रेताओं के माध्यम से विक्रय किए जा रहे खाद की नियमित जांच की जाए। इसके साथ ही अनियमितता पाए जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई भी की जाए।
महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान कहा गया कि दोनों संभाग में स्थापित एनआरसी केन्द्रों को पूरी क्षमता के साथ संचालित किया जाए। इन केन्द्रों का वरिष्ठ अधिकारी नियमित निरीक्षण भी करें। इसके साथ ही महिला एवं बाल विकास के माध्यम से वितरित किए जा रहे पोषण आहार की भी नियमित मॉनीटरिंग की जाए। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से वितरित किए जा रहे खाद्यान्न के लंबित बिलों का भुगतान भी समय पर हो, ताकि स्व-सहायता समूह अच्छे से कार्य कर सकें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति के संबंध में लंबित प्रकरणों के लिये ब्लॉक स्तरीय बैठक शीघ्र आयोजित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
आदिम जाति कल्याण विभाग के संबंध में कहा गया कि सभी जिलों में संचालित छात्रावासों का जिला कलेक्टर सहित जिले के अन्य अधिकारी समय-समय पर निरीक्षण करें और छात्रावासों का संचालन अच्छे से हो, यह सुनिश्चित करें। शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान कहा गया कि सीएम राइज स्कूल के निर्माण के लिए भूमि आवंटन के जो भी प्रकरण लंबित हैं, उनको जिला कलेक्टर तत्परत से निराकृत करें। संभागीय आयुक्त खत्री ने जिला कलेक्टरों से अपेक्षा की है कि वे अपने-अपने जिलों में संचालित सभी निजी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को स्कूल तक लाने-लेजाने के लिये उपयोग किए जाने वाले वाहनों की शतप्रतिशत सूची तैयार कर परिवहन विभाग को उपलब्ध कराएं। परिवहन विभाग सभी वाहनों की अनिवार्यत: जांच करे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर
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