झाबुआ: पायलट प्रोजेक्ट नक्शा के तहत देश के 152 नगरीय निकायों मे नगर परिषद मेघनगर का चयन

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झाबुआ: पायलट प्रोजेक्ट नक्शा के तहत देश के 152 नगरीय निकायों मे नगर परिषद मेघनगर का चयन


झाबुआ, 18 फ़रवरी (हि.स.)। रायसेन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य तथा केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को शुभारंभ किए गए नेशनल जिओस्पेशियल नॉलेज बेस्ड लैंड सर्वे ऑफ अर्बन हेबिटेशन्स (नक्शा) कार्यक्रम का मेघनगर दशहरा मैदान से लाइव प्रसारण देखा गया। इस अवसर पर जिले के मेघनगर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों एवं बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया। आयोजित कार्यक्रम में ड्रोन उड़ाकर आधुनिक सर्वे तकनीक की औपचारिक रूप से शुरुआत कर दी गई।

उल्लेखनीय है कि शहरी भूमि रिकार्ड की सटीकता और परदर्शिता की दिशा में एक नई पहल के रूप में लागू किया जाने वाला यह प्रोजेक्ट देश के 152 नगरीय निकायों में शुरू किया गया है। प्रोजेक्ट हेतु चयनित मध्यप्रदेश के 10 जिलों में झाबुआ जिले की मेघनगर नगर परिषद को भी शामिल किया गया है।

आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन में जिला कलेक्टर नेहा मीना ने कहा कि नक्शा कार्यक्रम पायलट प्रोजेक्ट 152 नगरीय निकायों में से मध्य प्रदेश के 10 में से झाबुआ की मेघनगर नगरीय निकाय का चयन किया गया है जो गौरव की बात है। उक्त कार्यक्रम तीन चरणो में होगा जिससे सम्पत्ति से सम्बन्धी विवादों का निराकरण किया जा सकेगा। पायलट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन के पश्चात इसे सम्पूर्ण देश में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेघनगर की टीम गौरव के साथ इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करे एवं समन्वय स्थापित कर कार्य करे। इस सर्वे से भविष्य में भूमि स्वामित्व के निर्धारण में आसानी होगी।

कार्यक्रम के दौरान नगर परिषद अध्यक्ष कमलेश मचार, उपाध्यक्ष मेघा भानपूरिया, अनुविभागीय अधिकारी मेघनगर रितिका पाटीदार एवं तहसीलदार ममता मिमरोट, नायब तहसीलदार मृदुला सचवानी, सीएमओ नगर परिषद एवं नगरवासी मौजूद रहे।

नक्शा कार्यक्रम के संबंध में प्राप्त जानकारी अनुसार यह एक पायलट प्रोजेक्ट है, जो कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय अंतर्गत भूमि संसाधन विभाग द्वारा शहरी भूमि सर्वेक्षण हेतु 26 राज्यों और 3 केन्द्र शासित प्रदेशों में 1 वर्षीय राष्ट्रव्यापी पायलट प्रोजेक्ट, 194 करोड रुपये की लागत से प्रारंभ किया गया हैं। इसके अंतर्गत देश के 152 शहरों (141 जिलों) में 4,143 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का सटीक भूमि सर्वेक्षण किया जायेगा, जोकि शहरी भूमि रिकार्ड की सटीकता और परदर्शिता की दिशा में एक नई पहल हैं।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत शहरी भूमि के हवाई सर्वेक्षण (ड्रोन सर्वे, 2डी नैडिर कैमरा, ओब्लिक एंगल कैमरा, लिडार सेंसर- 3डी मैपिंग तकनीक) से सटीक मैपिंग की जाएगी, साथ ही राज्य सरकार एंव नागरिक भागीदारी से भूमि रिकार्ड का सत्यापन किया जा सकेगा। इसके माध्यम से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आसान एक्सेस एवं भू स्थानिक डॉटा से सटीक अर्बन प्लानिंग की जा सकेगी।

नक्शा कार्यक्रम से प्राप्त होने वाले लाभ में व्यापक डिजिटल भूमि रिकार्ड। सटीक एंव ऑनलाईन भूमि रिकार्ड उपलब्ध होने से जमीन के मालिकाना हक में स्पष्टता। शहरी भूमि प्रबंधन में सुधार जैसे- संपत्ती लेन-देन और ऋण प्राप्ती को सरल बनाना। उन्नत शहरी भूमि प्रशासन, आपदा प्रबंधन और आधारभूत संरचनओं में रूकावट की समस्या का समाधान। भूमि स्वामित्व विवादों में कमी। प्रॉपर्टी टेक्स कलेक्शन में सुधार और शहरी निकायों की मजबूत वित्तीय स्थिति। भूमि रिकार्ड को पारदर्शी, सटीक और सभी के लिए उपलब्ध बनाना।

इस तरह व्यवस्थित भूमि रिकार्ड की अनुपलब्धता। पुराने और अधुरे डॉटा के कारण सरकारी दस्तावेजों एवं वास्तविक भूमि स्वामित्व में अंतर। राज्यों में एक समान प्रणाली का अभाव। स्वामित्व विवाद और अवैधानिक कब्जे आदि की समस्याओं से निबटने हेतु नक्शा कार्यक्रम अत्यंत कारगर साबित होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / उमेश चंद्र शर्मा

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