छतरपुर : प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत सोयाबीन उपार्जन के लिए पहली बार खरीदी
छतरपुर, 28 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सोयाबीन उपार्जन सहित खाद बीज उपलब्धता एवं विवरण की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। वीसी के माध्यम से छतरपुर जिले से डीआईजी ललित शाक्यवार, कलेक्टर पार्थ जैसवाल, एसपी अगम जैन सहित संबंधित अधिकारी जुड़े रहे। सीएम ने फसलों की वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्वों नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम की पौधों में पूर्ति के लिए विभिन्न उर्वरक विकल्पों यूरिया डीएपी, यूरिया एनपीके, यूरिया एसएसपी के प्रयोग के बारे में किसानों में जागरूकता फैलाने के लिए निर्देश दिए। सीएम ने रबी की फसलों जिनमें गेहूं, चना, आलू, लहसुन आदि की वृद्धि के लिए लिक्विड नैनो यूरिया की किसानों में जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए। सीएम ने वर्ष 2023-24 में प्रदेश में एनपीके का उपयोग 26 प्रतिशत था जो खरीफ 2024 में बढ़कर 45 प्रतिशत हो गया है जिसके लिए सराहना व्यक्त की। सीएम ने कलेक्टर एवं अधिकारियों को नकली उर्वरकों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने, कालाबाजारी रोकने, अवैध उर्वरक निर्माण, भण्डारण, परिवहन के लिए निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के द्वारा उर्वरक के संबंध में निर्देश दिए कि आगामी रबी मौसम को देखते हुए डी्एपी के स्थान पर एन्पीके उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए। खरीफ वर्ष 2024 में प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत सोयाबीन के उपार्जन के लिए प्रदेश में पहली बार पीएसएस मूल्य समर्थन योजना के तहत सोयाबीन की खरीदी की जा रही है। जिसके लिए कृषि विभाग नोडल विभाग है एवं मार्कफेड राज्य उपार्जन एजेंसी निर्धारित की गई है एवं खरीद कार्यों के लिए ई-उपार्जन पोर्टल का उपयोग किया जा रहा है। किसानों की सुविधा के लिए पंजीयन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने एनआईसी कक्ष में सीएम वीसी उपरांत संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को डीएपी के बजाए विभिन्न एनपीके कॉम्पलेक्स का इस्तेमाल कराएं एवं गेहूं, चना एवं सरसों के लिए यूरिया एनपीके का कॉम्बिनेशन का चार्ट प्रत्येक सहकारी समिति एवं मार्कफेड पर प्रदर्शित कराने के निर्देश दिए।
कलेक्टर जैसवाल ने कहा कि प्रत्येक खाद वितरण केन्द्रों पर कानून व्यवस्था निर्मित करने के लिए राजस्व विभाग, कृषि विभाग की संयुक्त टीम गठित की गई है एवं मार्कफेड के जिले में 7 गोदाम स्तरीय खाद वितरण केन्द्र हैं 5 अतिरिक्त खाद वितरण केन्द्र खोलने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त सहकारी विभाग की 113 सोसायटी के माध्यम से किसानों को खाद वितरण किया जा रहा है ताकि किसानों को सुचारू रूप से खाद वितरण हो सके एवं जिले में अवैध खाद भण्डारण एवं अमानक स्तर के खाद भण्डारण की शिकायतों की जांच के लिए 9 उडनदस्तों का गठन किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / सौरव भटनागर
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