सामूहिक प्रयासों से आदर्श बनेंगे जनजातीय गांव: अर्जुन मुंडा
खूंटी, 3 फ़रवरी (हि.स.)। सामूहिक प्रयासों से निश्चित ही हमारे जनजातीय गांव आदर्श बनेंगे। हम सभी को इस दिशा में अपने स्तर से प्रयास करने की आवश्यकता है। ये बातें केंद्रीय जनजातीय सह कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कही। केंद्रीय मंत्री शनिवार को बिरसा कॉलेज खूंटी के ऑडिटोरियम में प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत जिला के जनजातीय बहुल गांवों में क्रियान्वित होनेवाले विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास-उद्घाटन के बाद ग्राम प्रधान-मानकी मुंडाओं से संवाद कार्यक्रम को बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि गांव के विकास में नए आयाम कायम करने की आवश्यकता है। विशेषकर हमारे भविष्य हमारे बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में विकास एवं कृषि व स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बहुमुखी विकास सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। हर स्तर पर जनजातीय विकास की अवधारणा को सफल रूप प्रदान करने में हमें अपनी भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति समुदाय के व्यक्तियों के एकीकृत सामाजिक एवं आर्थिक विकास का लक्ष्य हासिल करने के उद्देश्य से जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना का प्रारम्भ किया गया है।
योजनांतर्गत अधिसूचित जनजातियों के साथ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कम से कम 50 प्रतिशत जनजातीय आबादी वाले 36,428 गांवों और 500 जनजातियों को कवर करने की परिकल्पना की गई है। इसी क्रम में खूंटी जिलांतर्गत 50 प्रतिशत जनजातीय आबादी वाले कुल 254 गांवों में योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों के एकीकृत सामाजिक आर्थिक विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए आठ घटकों- सड़क संपर्क, दूर संचार संपर्क, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र, पेयजल सुविधा, जल निकासी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत योजनाओं का चयन एवं क्रियान्वयन किया जा रहा है।
पद्मभूषण कड़िया मुंडा ने कहा कि हमारे जनप्रतिनिधियों एवं गांव के प्रबुद्ध लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है ताकि हमारा पूरा गांव जागरुक हो सके। किसी भी योजना के सफल क्रियान्वयन में वहां के स्थानीय लोगों का महत्व सबसे अधिक होता है। हम सभी को चाहिए की हम अपने कर्तव्यों का पालन करें। साथ ही जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग करें, इससे हमारे ग्राम का बहुआयामी विकास संभव हो सकेगा।
परियोजना निदेशक आईटीडीए ने अपने स्वागत संबोधन में बताया कि खूंटी जिलांतर्गत चयनित 254 ग्रामों में ग्राम सभा के माध्यम से योजनाओं का चयन किया गया है, जिसके आधार पर विलेज डेवलपमेंट प्लान तैयार कर विभाग से स्वीकृति प्राप्त की गई है। योजनाओं के पूर्ण हो जाने से उक्त अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों में कृषि के लिए सिंचाई के साधनों में वृद्धि होगी एवं सामाजिक आर्थिक विकास का लक्ष्य हासिल होगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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