सभी धर्मों का आधार और संरक्षक है सरना धर्म: रवि तिग्गा
खूंटी, 12 मई (हि.स.)। मुरहू के डौगड़ा में सरना धर्म सोतो समिति के 14वें स्थापना दिवस पर आयोजित दो दिवसीय सरना धर्म प्रार्थना सभा रविवार को संपन्न हे गई। धर्मगुरु बगरय मुंडा, धर्मगुरु भैयाराम ओड़ेया और बिरसा कंडीर की अगुवाई में अनुयायियों के साथ सरना स्थल में भगवान सिङबोंगा की पूजा-अर्चना कर सुख, शांति और खुशहाली की कामना की और पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के प्रदेश अध्यक्ष रवि तिग्गा और विशिष्ट धर्मगुरु मधु बारला उपस्थित थे। मुख्य अतिथि रवि तिग्गा ने कहा कि सरना प्रकृति पर आधारित मानव सभ्यता का प्रचीनतम धर्म है। यह सभी धर्मों का आधार और संरक्षक है। सरना धर्म के अपने धार्मिक विधि-विधान, बहुमूल्य जीवन शैली, दर्शन तथा आदर्श है, जिसमें लाखों लोगों की धार्मिक आस्था है, लेकिन सरना धर्म कोड तथा आदिवासी अधिकारों के प्रति उदासीनता है।. सरना धर्म कोड के अभाव के कारण न केवल आदिवासियों की धार्मिक एवं सामाजिक एकता टूटी है, बल्कि धार्मिक तथा सामाजिक व्यवस्था भी कमजोर हो रही है। सरना, जायर, देशाउलि, श्मशान, जतरा स्थल नष्ट किये जा रहे हैं।
विशिष्ट अतिथि मधु बारला ने कहा कि सिंगबोंगा की स्तुति से मानव जीवन में भक्ति व श्रद्धा बढ़ती है। हमें जीवन को खुशहाली लाने के लिए हमेशा धर्म के रास्ते पर चलना चाहिए। सरना धर्म में अच्छाई, सच्चाई, ईमानदारी एवं कर्तव्य निष्ठा आज भी झलकती है।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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