नीलाम्बर-पीताम्बर विवि का खेल निराला, एमए कर रहे आठ हजार छात्र देंगे बीए की परीक्षा

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नीलाम्बर-पीताम्बर विवि का खेल निराला, एमए कर रहे आठ हजार छात्र देंगे बीए की परीक्षा


पलामू, 16 नवंबर (हि.स.)।नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय हमेशा अपने किसी मामले को लेकर हमेशा से चर्चित रहा है। इस बार तो नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय ने हद कर दी। अब आप सोचिए एमए की पढाई कर रहा छात्र उसे बीए का एग्जाम देना होगा। नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग ने इस बावत नोटिफिकेशन जारी कर दी है। इस नोटिफिकेशन में स्पष्ट कहा गया है कि यूजी सेमेस्टर 1-4 वर्ष 2018-21 और 2019-2022 में पास कर चुके बीए के छात्रों को जेनरिक पेपर फिर से लिखना होगा। इसके लिए विश्वविद्यालय ने फार्म भरने की तिथि भी निर्धारित की है। यह तिथि सात नवंबर से 23 नवंबर तक रखी गयी है। यह परीक्षा फार्म आनलाइन भरे जायेंगे। इसमें नन प्रेक्टिकल विषय वाले छात्र को 500 रूपए और यूजी प्रेक्टिकल वाले छात्र को 600 रुपये का भुगतान करना है।

जो छात्र सत्र 2018-21 और 2019-22 कॉलेज से अपनी पढाई पूरी कर चुके हैं। उन्होंने मार्कसीट भी ले ली हैं, उनमें से कई छात्र अब एमए में पढ रहे हैं। इसके अलावा कई छात्र निजी या अनुबंधित नौकरी पर भी योगदान दे चुके हैं। ऐसे में इन छात्रों के वापस आकर इस जेनरिक पेपर के लिए एग्जाम लिखना होगा और बीए की मार्कसीट संबंधित कॉलेज से दोबारा लेनी होगी।

हास्यास्पद है कि शैक्षिक सुधार का दावा करने वाला विश्ववि़द्यालय इतनी बड़ी गलती कर जायेगा यह किसी ने नहीं सोचा था। आज कुछ अभिाभावक अखबार के दफ्तर पहुंचे। उन्होंने पीड़ा बताई। उनका कहना था कि मेरे बेटे ने कॉलेज लिविंग सार्टिफिकेट भी ले लिया। ऐसे में तो अब वह कॉलेज का छात्र भी नहीं हैं। ऐसे में परीक्षा फार्म भरवाना कितना उचित होगा वो भी फार्म भरने की राशि लेकर। यहां यह भी बता दें कि नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के अतर्गत पलामू, गढवा और लातेहार के कॉलेज आते हैं। ऐसे में तकरीबन 8000 छात्रों को पुनः एग्जाम लिखना होगा।

इतनी बड़ी भूल के बावजूद ना तो कोई छात्र संगठन सामने आया और ना ही नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के किसी भी पदाधिकारी ने इस पर ध्यान दिया। यहां यह बात बतानी भी जरूरी है कि जो छात्र इस जेनरिक पेपर को नहीं देंगे, उनको जारी किया हुआ मार्कसीट काम नहीं आयेगा। उन्हें नये सिरे से कॉलेज से मार्कसीट प्राप्त करनी है। यहां यह भी मैं बताना चाहूंगा कि सैकड़ों वैसे छात्र हांेगे, जो अब विश्वविद्यालय के नोटिफिकेशन से दूर हो गए होंगे। ऐसे में उनका जेनरिक पेपर छुटेगा और उन्हें भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

बताया जाता है कि छात्र कहीं नौकरी पर लग गए होंगे तो उनका जिस सत्र की हमने बात की है, उस सत्र के विद्यार्थी होंगे तो उन्हें खासा परेशानी हो सकती है।

नीलाम्बर-पीताम्बर विश्ववि़द्यालय के कुलपति इस संबंध में उनके दूरभाष क्रमांक 9431049871 पर दोपहर 2.10 से लेकर 2.35 मिनट तक संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। इसलिए हमें विश्वविद्यालय प्रबंधन का कोई भी पक्ष नहीं मिल पाया है।

हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप

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