डालसा ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम और निपटारा अधिनियम का दिया प्रशिक्षण
लोहरदगा, 6 दिसंबर (हि.स.)। जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने आज सिविल कोर्ट परिसर स्थित सभागार में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के रोकथाम और निपटारा संबंधित कानून यानी पोस एक्ट, 2013 को लेकर जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें जेएसएलपीएस के सभी पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं डालसा पीएलवी को प्रशिक्षक इंद्राणी कुजूर ने प्रशिक्षण दिया।
कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार राजेंद्र बहादुर पाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि 10 या 10 से ज्यादा कर्मियों वाले कार्यालय में पोस कमेटी का गठन होना अनिवार्य है। यदि पोस कमेटी गठन नहीं होता है तो नियोक्ता पर 50 हजार तक का जुर्माना हो सकता है।
डालसा सचिव ने भंवरी देवी केस का उल्लेख करते हुए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बनाई गई विशाखा गाइडलाइन की चर्चा की जो 2013 में पोस एक्ट के रूप में कानून बना। प्रशिक्षक इंद्राणी कुजूर ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न संबंधित प्रावधानों का विस्तृत उल्लेख कर समझाया कि सहकर्मियों या नियोक्ता द्वारा यदि यौन उत्पीड़न किया जाता है तो इंटरनल कंप्लेंट कमेटी के पास लिखित शिकायत दें।
इस मौके पर कई लोग मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार/ गोपी
/चंद्र प्रकाश
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