खूंटी में 24 कुंडीय राष्ट्र चेतना जागरण गायत्री महायज्ञ का समापन
खूंटी, 24 मार्च (हि.स.)। मनुज देवता बने, बने यह धरती स्वर्ग समान, यही संकल्प हमारा जैसे युग गायन के साथ प्रारंभ हुए 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का समापन पूर्णाहुति के साथ रविवार को हो गया। 21 मार्च को लगभग 1100 मंगल कलशधारी श्रद्धालु महिलाओं-युवतियों की भव्य कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुए चार दिवसीय महायज्ञ का आयोजन स्थानीय खूंटी क्लब में चल रहा था।
शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में आयोजित इस यज्ञीय कलश शोभायात्रा में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लेकर इसे ऐतिहासिक बना दिया। कार्यक्रम के दौरान यज्ञ एवम हवन के साथ प्रातः कालीन यज्ञ हवन के साथ कई संस्कार कराये गये। इनमें गुरुदीक्षा, विद्यारंभ, पुंसवन, नामकरण, यज्ञोपवीत, मुंडन संस्कार आदि शामिल हैं। भी कराए गए।
साथ ही शाम में भव्य संगीतमय दीपयज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमे सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। महिलाएं अपने अपने घरों से थाल में दीप लेकर यज्ञस्थल पहुंची थी। प्रज्जवलित कर दीप यज्ञ में भाव आहुतियां डाली गई। टोली नायक ने व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, सहित सफल दाम्पत्य जीवन के सूत्र जैसे कई प्रासंगिक विषयों पर प्रकाश डाला। कई पौराणिक कथाओं के समावेश के साथ दिए गए प्रवचन से उन्होंने उपस्थित लोगों के मानस पटल पर सकारात्मक प्रभाव डाला और लोगों से बुराइयों को छोड़कर सन्मार्ग पर चलने का संकल्प दिलाया।
टोली विदाई के दौरान खूंटी गायत्री परिवार के ट्रस्टी सदस्य ने इस आयोजन को सफल बनाने में शामिल सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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