कुष्ठ न तो अभिशाप है और न ही पुश्तैनी रोग : डॉ नागेश्वर मांझी
खूंटी, 30 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से बापू की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही जिले में स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान का शुभारंभ किया गया। यह अभियान 13 फरवरी तक चलेगा।
जिले के हर गांवों में स्वास्थ्य सहिया और एएनएम के माध्यम से ग्रामसभा का आयोजन किया जाएगा। ग्रामसभा के दौरान बैनर एवं पोस्टर के माध्यम से लोगों को कुष्ठ का इलाज के प्रति जागरुक किया जाएगा, ताकि यथाशीघ्र कुष्ठ के रोगियों की जांच कर इलाज किया जा सके और उन्हें विकलांगता से बचाया जा सके। मौके पर सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी ने कहा कि कुष्ठ न तो अभिशाप है और न ही पुश्तैनी रोग है। कुष्ठ रोग का इलाज है। जल्द जांच और इलाज से कुष्ठ से निजात मिल जाती है। उन्होंने कुष्ठ के लक्षणों की चर्चा करते हुए बताया कि चमडे के रंग से हल्का अथवा फीके रंग अथवा लालीमा लिए हुए छोटा या बड़ा दाग का होना, दाग में सूनापन तथा दाग में दर्द अथवा खुजलाहट नहीं होना, कान, चेहरा, धड़, हाथ अथवा पैर के चमड़ा का मोटा होना, चमड़े का रंग लाल हो अथवा चमडे में छोटा-छोटा गांठ निकल जाना, हाथ अथवा पैर में कमजोरी या विकृति पैदा होना, हाथ के तलहथी अथवा पैर के तलवा में धाव का होना, पलकों में कमजोरी के कारण आंख पूरी तरह बंद नहीं होना कुष्ठ रोग के लक्षण हैं।
उन्होंने कहा कि एमडीटी के सारे खुराक का सेवन नियमित रूप से किया जाए तो यह पूर्णतः ठीक हो सकता है। उपचार एवं इसकी दवा (एमडीटी) सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में मुफ्त उपलब्ध है।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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