बिरसा मुंडा के आर्दशों का अनुसरण करते हुए विकास के प्रति जागरूक बनें : अर्जुन मुंडा
-भगवान बिरसा मुंडा की संघर्षस्थली डोम्बारी बुरू में शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
खूंटी, 9 जनवरी (हि.स.)। अमर शहीद भगवान बिरसा मुंडा की संघर्षस्थली डोम्बारी बुरू में मंगलवार को शहादत दिवस का आयोजन किया गया। मौके पर खूंटी के सांसद और जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, उपायुक्त लोकेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक अमन कुमार, उप विकास आयुक्त नीतीश कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारियों, विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों से जुड़े लोगों, विभिन्न गांवों के आदिवासी महिला-पुरुषों तथा बिरसाइत पंथ मानने वाले बड़ी संख्या में डोंबारी बुरु पहुंचे और नौ जनवरी 1899 को अंग्रेजों के साथ संघर्ष में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आजादी की लड़ाई में अपनी आहुति देनेवाले अपने पूर्वजों का इतिहास याद रखना चाहिए। अंग्रेजों के उलगुलान का बिगुल फूंकने वाले धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा सहित अन्य शहीदों को लोग हमेशा याद रखे। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया, जो संपूर्ण भारत में संकल्प दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए लोगों से समाज, क्षेत्र व राज्य के विकास के लिए उनके बताए मार्ग पर चलने की अपील की। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अग्रेजों के विरुद्ध झारखंड में उलगुलान छेड़कर हम आदिवासियों को जीने एवं विकास का रास्ता दिखाया था। अब हमें अपने हक व अधिकार के प्रति जागरुक होकर संवैधानिक तरीके से अपने समाज, गांव एवं राज्य के लिए विकास की दिशा में प्रगति के रास्ते का चुनाव करना होगा।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी परंपरा, रीति-रिवाज, संस्कृति को अक्षुण्ण रखते हुए राज्य और राष्ट्र के विकास के लिए प्रगति का मार्ग व्यवस्थित करने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी होगी। यही भगवान बिरसा के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के विकास के प्रति केंद्र सरकार कृतसंकल्पित है। पिछड़ी जनजाति समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना संचालित की जा रही है। उन्होंने लोगों से भगवान बिरसा मुंडा, शहीद सरदार गया मुंडा, मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा सहित अन्य महापुरुषों के आर्दशों का अनुकरण करते हुए अपने अधिकार के लिए जागरूक होकर संवैधानिक तरीके से आगे आने का आह्वान किया।
आदिवासियों की क्रांति की प्रतीक है डोंबारी बुरू: नीलकंठ सिंह मुंडा
विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि डोंबारी बुरू झारखंड की अस्मिता, संघर्ष एवं ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंकने के लिए आदिवासियों के क्रांति की प्रतीक है। खूंटी जिला का यह पहाड़ धरती आबा बिरसा मुंडा के सहयोगियों के बलिदान की कर्मभूमि है। यह वह स्थान है जहां से आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा लेंगी। भगवान बिरसा के उलगुलान के इतिहास को अपने अंदर समेटे हुए डोंबारी बुरु आज भी अटल, अक्षुण्ण और प्रेरणाश्रोत बनकर खड़ा है। उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब हम उनके बताए हुए मार्ग पर चलें। दूसरी ओर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रवि मिश्रा के नेतृत्व में कांग्रेसियों और झारखंड पार्टी के जिला महासचिव योगेश वर्मा के नेतृत्व में झारखंड पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी डोंबारी बुरू पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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