कश्मीर में लंबे समय से चल रहे सूखे मौसम का होगा अंत, 20 दिसंबर की रात से 22 दिसंबर की सुबह तक भारी बर्फबारी की संभावना

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कश्मीर में लंबे समय से चल रहे सूखे मौसम का होगा अंत, 20 दिसंबर की रात से 22 दिसंबर की सुबह तक भारी बर्फबारी की संभावना


श्रीनगर, 17 दिसंबर (हि.स.)। कश्मीर में लंबे समय से चल रहे सूखे मौसम का अंत होने की संभावना है क्योंकि घाटी में बारिश की बौछारें आने की आशंका है। यह बारिश चिल्लई-कलां के आगमन के साथ हो सकती है जो सर्दियों का 40 दिनों का सबसे कठोर दौर होता है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

स्थानीय मौसम कार्यालय ने कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ 21-22 दिसंबर के दौरान जम्मू और कश्मीर को प्रभावित कर सकता है क्योंकि इसी के साथ घाटी में भीषण सर्दियों का मौसम शुरू हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इस मौसम प्रणाली के कारण कश्मीर के ऊंचे इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी और घाटी के मैदानी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश या बर्फबारी की संभावना है।

उन्हाेंने कहा कि 20 दिसंबर की रात से 22 दिसंबर की सुबह तक भारी बर्फबारी की संभावना है। प्रमुख सड़कों और ऊंचे दर्रों पर यातायात बाधित हो सकता है। अधिकारियों ने कहा कि 20 से 22 दिसंबर के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में जाने से बचें। उन्होंने कहा कि 20 दिसंबर की दोपहर से 22 दिसंबर की सुबह तक ज़ोजिला दर्रा, साधना टॉप, सिंथन टॉप, राजदान दर्रा और इसी तरह के अन्य ऊंचे दर्रों और पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा करने से भी परहेज करें। उन्होंने कहा कि इस दौरान भारी बारिश और बर्फबारी की आशंका है, जिससे इन संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन, चट्टान गिरने और खतरनाक सड़क स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।

चिल्लई-कलां 21 दिसंबर से शुरू हो रहा है। इस दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक और लगातार होती है और घाटी में तापमान में तेजी से गिरावट आती है। यह अवधि 30 जनवरी को समाप्त होती है। इस सर्दी में अब तक घाटी में कोई बड़ी बारिश नहीं हुई है। शुष्क मौसम के कारण खांसी और जुकाम जैसी बीमारियों में वृद्धि हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता

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