तत्कालीन नगर आयुक्त ने टेंडर मैनेज कर 100 करोड़ के राजस्व की पहुंचायी क्षति: त्रिपाठी
पलामू, 17 नवंबर (हि.स.)। पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि अधिकारियों से नहीं लड़ने का उन्होंने निर्णय लिया था। उनकी लड़ाई के कारण भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर कार्रवाई हो गई, परंतु अब वह पुनः मजबूर हो गए हैं। प्रशासनिक पदाधिकारियों के खिलाफ लड़ाई फिर से शुरु करने जा रहे हैं। मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मांग की है कि मामले की एसीबी से जांच कराएं, और दोषी के खिलाफ कार्रवाई करे।
मेदिनीनगर नगर निगम में करोड़ों रुपये से अधिक के खर्च में व्यापक अनियमितता के खिलाफ धर्मयुद्ध की घोषणा की। उनका दावा है कि वह अब व्यापक अनियमितताओं पर आंखें नहीं मूंद सकते, जिससे उन्हें पलामू से शुरू होकर रांची तक भ्रष्टाचार विरोधी लड़ाई शुरू करने के लिए प्रेरित किया गया।
पलामू परिसदन में पार्टी के नेताओं के साथ प्रेस को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि डीडीसी रवि आनंद ने तत्कालीन नगर आयुक्त के रूप में टेंडर मैनेज करते हुए 100 करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति पहुंचायी है। इसमें तत्कालीन कार्यपालक अभियंता नसीम अली और मेयर बराबर के हिस्सेदार रहे। हर योजना के टेंडर में केवल दो संवेदक ने भाग लिया। शिड्यूल रेट में काम बांट दिया गया, जबकि उसी काल में अन्य विभागों में 35 प्रतिशत नीचे जाकर संवेदक ने काम हासिल किया। यह पूरी कहानी कह रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप
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