लोगों की हंसती-खेलती जिंदगी पर मौत का ब्रेक लगा रहे हैं सडकों पर बेतरतीब बने स्पीड ब्रेकर
खूंटी और तोरपा के बीच 28 किमी में बनाये गये हैं 28 ठोकर
खूंटी, 2 मार्च (हि.स.)। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों पर गति अवरोधकों जिन्हें आम तौर पर ठोकर कहा जाता है का निर्माण कराया जाता है, लेकिन ये गति अवरोधक ही दुर्घटनाओं का सबब बन जाए, तो इसे क्या कहा जाए। सड़कों पर बेतरतीब ढंग से बनाये गये स्पीड ब्रेकर लोगों की हंसती खेलती जिंदगी में मौत का ब्रेक लग रहे हैं।
खूंटी जिले में ऐसी कई सड़कें हैं, जहां भारी संख्या में बेतरतीब ढंग से ठोकरों का निर्माण करा दिया गया है, जो आये दिन दुर्घटनाओं का कारण बनते जा रहे हैं। उदाहरण के लिए हम खूंटी-तोरपा रोड को ही लें। खूंटी और तोरपा के बीच की दूरी 28 किलोमीटर है और इतनी दूरी में 28 सें अधिक ठोकर बना दिये गये हैं। इसके कारण आये दिन लोग इसका शिकार होकर मौत के मुंह में समा रहे हैं। कुछ दिन पहले ही तोरपा के दो शिक्षक निर्णय सिंधु बेंहरा और मुस्कु बड़ाईक इन बेतरतीब स्पीड के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।
तोरपा और खूंटी के बीच 28 किलोमीटर में 28 से अधिक अधिक ठोकर बनाये जाने का औचित्य लोगों की समझ से परे है। तोरपा से खूंटी के बीच ठोकरों की गणना करें तो कुजंला गांव के पास दो और मुंडा कुंजला गांव के पास दो ठोकर बनाये गये हैं। इसी प्रकार रिलायंस पेट्रोल पंप के पास दो, बनई नदी के दोनों छोर पर दो, बिचना गांव के पास दो, अंगराबारी में तीन, डोडमा में तीन, चुरगी पेट्रोल पंप के पास एक, दियांकेल गांव के पास एक, तोरपा रेफरल अस्पताल के पास एक, देवी मंडप के पास एक, नगर भवन के पास एक, स्टेट बैंक के पास एक, पोस्ट ऑफिस के पास एक, तोरपा थाना के पास एक, प्रखंड कार्यालय के पास एक, कर्रा रोड के पास दो और तोरपा पेट्रोल पंप के पास दो ठोकरों का निर्माण कराया गया है।
मानकों का पालन नहीं किया गया: संतोष जयसवाल
सड़कों पर बने गति अवरोधकों के कारण हो रही सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य संतोष जयसवाल कहते हैं कि ठोकरों के निर्माण में मानकों का पालन नहीं किया गया। इसके कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं। तोरपा क व्यवसायी रोशन जयसवाल कहते हैं कि जहां स्पीड ब्रेकर बनाये जाते हैं, वहां रंबल स्ट्रीप सहित कई तरह के संकेत दिये जाने का प्रावधान है, पर इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है। रामाशीष महतो कहते हैं कि मानक के अनुरूप गति अवरोधकों का निर्माण हो, तो काफी हद तक दुर्धटनाओं पर रोक सकती है।
क्या है नियम
भारतीय सड़क कांग्रेस(आइआरसी) के अनुसार, आदर्श स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई दस सेंटीमीटर, पैरा बाॅलिक लंबाई 3.7 मीटर होनी चाहिए। चालकों को सचेत करने के लिए स्पीड ब्रेकर आने से 40 मीटर पहले चेतावनी बोर्ड लगा होना चाहिए, ताकि गति नियंत्रित हो सके। स्पीड ब्रेकर पर सफेद और काले पेंट से पट्टियां बनाई जानी चाहिए, ताकि रात को भी चालकों को ठोकर आसानी से दिख जाए। इस संबंध में राय जानने के लिए सड़क सुरक्षा पदाधिकारी के माबाइल से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
हिन्दुस्थान समाचार/अनिल
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