मापतौल अधिकारियों की कमी से नवीनीकरण-सत्यापन का कार्य प्रभावित : चेंबर

रांची, 10 मई (हि.स.)। राज्य में मापतौल अधिकारियों की भारी कमी से लाइसेंस रिन्यूअल और मापतौल उपकरणों के सत्यापन में होनेवाली कठिनाईयों को लेकर शनिवार को चेंबर भवन में श्रम उप समिति की बैठक हुई।
बैठक में कहा गया कि विभाग में केवल चार इंस्पेक्टर प्रभार में हैं और एक विभागीय इंस्पेक्टर को कई जिलों का अतिरिक्त प्रभार है। इस कारण नवीनीकरण-सत्यापन का कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
विभागीय इंस्पेक्टर की अनुपलब्धता और कमी के कारण व्यापारियों को मापतौल के सत्यापन में अनावश्यक रूप से जुर्माना का शिकार होना पडता है, इसकी विभागीय समीक्षा आवश्यक है।
श्रम उप समिति के चेयरमेन प्रमोद सारस्वत ने कहा कि व्यापारियों की सुविधा के लिए जरूरी है कि राज्य के सभी जिलों में एक-एक इंस्पेक्टर की पदस्थापना की जाय।
ताकि, व्यापारी अपनी सुविधानुसार अपने मापतौल लाइसेंस का सत्यापन और नवीनीकरण कार्य करा सकें। जब तक विभाग में इंस्पेक्टर की पदस्थापना नहीं होती, तब तक सत्यापन कार्य के लिए व्यापारियों पर जुर्माना नहीं लगाने की बात उन्होंने कही।
व्यापारियों की असुविधा को देखते हुए चेंबर के सह सचिव नवजोत अलंग ने विभाग से राज्य के प्रत्येक जिलों में त्रैमासिक रूप से मापतौल का कैंप लगाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि मापतौल लाइसेंस के नवीनीकरण की अवधि पांच वर्ष किये जाने से भी काफी हद तक समस्या का समाधान संभव है। कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा कि उपकरणों के सत्यापन और रिन्यूअल के लिए विभाग की ओर से समय समय पर जागरूकता कार्यशाला के आयोजन की भी पहल करनी चाहिए।
चर्चाओं में जल्द ही श्रम सचिव और मापतौल नियंत्रक से मिलकर, मामले से अवगत कराने और कार्रवाई कराने की सहमति बनी।
बैठक में चेंबर के सह सचिव नवजोत अलंग, कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य अमित शर्मा, श्रम उप समिति चेयरमेन प्रमोद सारस्वत, सदस्य अमरचंद बेगानी, किशन अग्रवाल उपस्थित थे। उक्त जानकारी प्रवक्ता सुनिल सरावगी ने दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak