पलामू में आंगनबाड़ी सेविका चयन के दौरान हंगामा, महिला समेत सात लोगों पर मुकदमा दर्ज
पलामू, 15 मार्च (हि.स.)। जिले के हुसैनाबाद प्रखंड के आदिवासी बहुल गांव कामत में आंगनबाड़ी सेविका चयन में उस समय हंगामा हो गया जब ग्रामसभा में चयनित सेविका आरती किन्नू के नाम की घोषणा की गई। इसके बाद महिला पर्यवेक्षिका किरण कुमारी ने स्थानीय थाना में सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और कार्यवाही पंजी छीन लेने का आरोप लगाते हुए ग्रामसभा में उपस्थित महिलाओं समेत सात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसका कांड संख्या-55/24 है।
गौरतलब है कि गत वर्ष 29 नवंबर को आयोजित ग्रामसभा में सकुन्ती उरांव का चयन मेधा के आधार पर किया गया था और स्थल पर चयन कमेटी ने औपबंधिक चयन पत्र भी दिया गया था। बाद में जिला स्तर पर इस चयन को रद्द कर दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला समाज कल्याण कार्यालय में अंतिम चयन पत्र निर्गत करने के एवज में मोटी रकम की मांग की जा रही थी, जिसे नहीं देने पर सकुन्ती का चयन रद्द कर दिया गया। पुनः जब गत 12 मार्च को सेविका चयन के लिए ग्रामसभा आयोजित की गई तो सकुन्ती के स्थान पर आरती किन्नू के चयन की घोषणा की गई। यह सुनते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे।
ग्रामीणों का कहना था कि जब सेविका पद के लिए ग्रामसभा में उन्हीं महिलाओं ने आवेदन दिया जो गत वर्ष 29 नवंबर को आवेदन दी थीं। आश्चर्य की बात तो यह है कि उस समय जो आवेदक अयोग्य थी वह इस बार योग्य कैसे हो गयी? इस बार आयोजित ग्रामसभा में सकुन्ती के चयन के प्रस्ताव को निरस्त करने के कारण ग्रामीण हंगामा करने लगे। इसके विरोध में कामत गांव की आदिवासी महिलाएं गोलबंद हो गयीं। बताया जाता है कि 25-30 की संख्या में हुसैनाबाद थाना पहुंच कर महिलाओं ने बीडीओ रौशन कुमार एवं महिला पर्यवेक्षिका किरण कुमारी पर गाली-गलौच का आरोप लगाया है।
इधर, सकुन्ती उरांव ने एक लिखित शिकायतपत्र हुसैनाबाद थाना प्रभारी को देकर आरोप लगाया है कि बीडीओ और महिला पर्यवेक्षिका ने उसके विरुद्ध जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गाली-गलौज किया। साथ ही और उसे धांगर और वानर कहा है। बनियाडीह बराही पंचायत के कामत उरांव टोला निवासी सकुन्ती उरांव ने प्रखंड विकास पदाधिकारी सह प्रभारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी व आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका के खिलाफ हुसैनाबाद थाना में लिखित आवेदन देकर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
हालांकि, अभी तक बीडीओ और महिला पर्यवेक्षिका के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। इससे आक्रोशित सैकड़ों महिलाओं ने शुक्रवार को स्थानीय विधायक के आवास पहुंच कर इस मामले में न्याय की गुहार लगाते हुए उचित कार्रवाई करने की मांग की जबकि विधायक अपने जपला स्थित आवास पर मौजूद नहीं थे।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिलीप कुमार/चंद्र प्रकाश
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