तथ्य परक सूचनाओं के प्रेषण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अहम भूमिका : सैय्यद राशिद
खूंटी, 16 नवंबर (हि.स.)। सूचना भवन में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर गुरुवार को कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस) के युग में मीडिया विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में जिला जन संपर्क पदाधिकारी सैय्यद राशिद अख्तर ने सभी पत्रकारों का स्वागत किया और राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुभकामनाएं दी। सेमिनार में उपस्थित पदाधिकारियों और पत्रकारों ने कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस) के युग में मीडिया विषय पर अपने-अपने विचार रखे। को प्रकट कर विस्तार से चर्चा की गई।
पत्रकारों ने कहा कि किसी मशीन को आपकी पत्रकारिता के मूल्यों और दृष्टिकोण की जानकारी नहीं है। कोई मशीन यह तय नहीं कर सकती कि आपके लिए कौन से मूल्य महत्वपूर्ण हैं। पत्रकारिता का महत्व बढे़गा और इसका अस्तित्व और सुदृढ़ होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जितना जल्दी अपनाएंगे, उतने बड़े स्तर पर विकास की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे। मीडिया में तकनीक का सकारात्मक उपयोग से बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
एआई के पास पत्रकारिता में काफी बड़े बदलाव लाने की क्षमता है। इसके जरिए व्यापक स्तर पर पाठकों से जुड़ने के नए तरीके मिलते हैं। एआई से किसी भी जानकारी को अधिक कुशलता से खोजने और बेहतर जानकारी पाने की संभावना बढ़ती है। इसका रिपोर्टिंग की विविधता, लोकतंत्र और जनहित पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। एआई टूल को हर मीडिया संस्थान को कार्य करना होगा। साथ ही समय के अनुसार अपने आप को परिवर्तित करने की आवश्यकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से मीडिया एंकर और रोबोटिक्स तकनीक में मानवीय बुद्धिमता की कला और मानव जाति की तरह ही सोचने समझने एवं सुनने की क्षमता निहित की गई है। भविष्य में कार्य शैलियों में परिवर्तन आयेंगे एवं इससे पत्रकारिता पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। पत्रकारों ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस से कोई भी अछूता नही रहेगा, हर व्यक्ति के पास मोबाइल एवं कम्प्यूटर उपलब्ध हो रहे हैं, जो आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस का इस्तेमाल और भी अच्छे से कर रहे है। मीडिया के क्षेत्र में भी आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस का महत्व बढ़ा है। इसकी सहायता से समाचार संकलन कर उसे आसानी से तैयार कर हम तक पहुंचाया जा रहा है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नए और प्रभावी समाधान निकल सकते हैं। कुछ कार्यों में मनुष्यों की तुलना में अधिक स्वतंत्रता से काम कर सकता है, जिससे मानव श्रम को आराम मिलता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कुछ नुकसान या खतरा भी हैं, इससे कार्यों में सुलभता और सुगमता भी मिलेगी। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने कहा कि वर्तमान डिजिटल एवं तकनीकी युग में तथ्य परक सूचनाओं के प्रेषण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अहम माध्यम बन कर उभर रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/अनिल
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