एससी-एसटी एक्ट में भवनाथपुर के विधायक भानू प्रताप शाही बरी, चार लोगों को सजा
पलामू, 20 फ़रवरी (हि.स.)। गढ़वा जिले के भवनाथपुर के विधायक भानू प्रताप शाही को मंगलवार को बड़ी राहत मिली है। एमपी-एमएलए कोर्ट पलामू ने उन्हें एससी-एसटी एक्ट मामले में रिहा कर दिया। कुछ महीने पहले भी विधायक भानु प्रताप शाही पलामू कोर्ट में पेश हुए थे। लगभग 19 वर्ष पूर्व आरएमडी सेल के डॉ विजय कुमार राम के मामले में दायर पुराने मामले में लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें रिहा करने का आदेश सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में मनोज पहाड़िया, उपेन्द्र दूबे, मनोज सिंह और भगत दयानंद यादव को दोषी मानते हुए छह-छह माह कारावास की सजा सुनाई है, उपरोक्त सभी पहले ही कारावास की सजा काट चुके हैं। मंगलवार को पलामू कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान विश्वसनीय साक्ष्य नहीं रहने एवं मामला राजनीतिक से प्रेरित पाकर बरी कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि 2006 में गढ़वा के भवनाथपुर के सेल में तैनात डॉक्टर विजय कुमार ने विधायक भानु प्रताप शाही समेत कई लोगों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज करायी थी। उस दौरान सेल के क्वार्टर को लेकर विधायक भानु प्रताप शाही और डॉक्टर विजय कुमार के बीच विवाद हुआ था। इस विवाद के बाद डॉक्टर विजय कुमार ने विधायक पर जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। डॉक्टर के क्वार्टर से सामानों को फेंकने का भी आरोप लगा था।
न्यायालय से बरी होकर बाहर निकलने पर विधायक भानु प्रताप शाही के अधिवक्ता एसएसपी देव ने बताया कि विश्वसनीय साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बरी किया है, मुकदमे के अन्य धाराओं में चार लोगों को सजा हुई है। विधायक भानु प्रताप शाही ने बताया कि एक लंबी लड़ाई लड़ने के बाद उन्हें न्याय मिला है। कोर्ट पर उन्हें पूरा भरोसा था और उन्हें न्याय मिला है। उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं उन्हें फंसाने की साजिश रची गई थी।
हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप
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