परमेश्वर की भक्ति से ही मिल सकती है सुख-शांतिः स्वामी प्रमोद महाराज
खूंटी, 29 जून (हि.स.)। खूंटी जिला संतमत सत्संग समिति के तत्वावधान में मुरहू सहित सीमावर्ती पश्चिमी सिंहभूम के विभिन्न गांवों में आयोजित सात दिवसीय सत्संग कार्यक्रम शनिवार को संपन्न हुआ। सत्संग कार्यक्रम में महर्षि मेंही आश्रम भागलपुर के स्वामी प्रमोद जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्य धरती का मालिक भी बन जाए, तो भी सुखी जीवन नहीं जी सकता। जैसे बालक को जितना मनाओ, लेकिन मां के गोद में ही वह सुरक्षित-निश्चिंत महसूस करता है।
वैसे ही परमात्मा हमारे परम पिता हैं, उसी की एकमात्र भक्ति से हमें सुख शांति मिल सकती है। गौतम बुद्ध का उदाहरण देते हुए उन्होने कहा कि यशोधरा ने गौतम बुद्ध से कहा कि भक्ति घर में भी हो सकती थी। अतः कहीं भटकने की जरुरत नहीं है, बस सद्गुरू की युक्ति जानकर भक्ति करें। मांस मदिरा आदि के सेवन पर उन्होंने कहा कि जैसे गंदे पात्र में भोज्य पदार्थ नहीं रखते,उसी प्रकार शरीर में मांसाहार शराब आदि रहने से हमारा अंतर्मन अशुद्ध हो जाता है, तो परमात्मा कैसे रहेंगे, भक्ति नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि शाकाहार और सदाचार बहुत जरूरी है।
स्वामी निर्मलानंदजी महाराज ने कहा कि सदा पाप कर्म से बचें, फल की इच्छा त्यागें,खान-पान की बुराईयों से दूर रहें, और हमेशा भक्ति की डोर पकड़े रहें तभी हमें मोक्ष यानी परमात्मा प्राप्त हो सकते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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