प्रकृति एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए लगाएं अधिक से अधिक पौधे: कुलपति
पलामू, 11 अप्रैल (हि.स.)।डालटनगंज के जेएन दीक्षित छात्रावास परिसर में गुरुवार को सरहुल पूजा महोत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि प्रमंडलीय आयुक्त सह नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय के कुलपति बाल किशुन मुंडा, विशिष्ट अतिथि कुडुख़ विभाग, जीएलए कॉलेज के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ कैलाश उरांव एवं ज्ञानचंद पाण्डेय थे। कार्यक्रम का शुभारंभ सरहुल संयोजक डॉ संजय बाड़ा द्वारा स्वागत भाषण से हुआ। तत्पश्चात अतिथियों का सम्मान आदिवासी शॉल और पौधा देकर किया गया। मुख्य अतिथि एवं अन्य ने मांदर बजाकर पर्व का आन्नद लिया।
डॉ कैलाश उरांव द्वारा सरहुल संदेश दिया गया कि सरहुल एक प्राकृतिक पर्व है जो आदिवासी जीवन दर्शन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है और विश्वविद्यालय की अखरा की स्थापना 1995 में की गई थी, उसकी चाहरदीवारी कर संरक्षित करने का आग्रह विश्वविद्यालय के अधिकारियों किया। ज्ञानचंद पाण्डेय ने सखुवा पेड़ के विभिन्न विशेषताओं पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि बाल किशुन मुंडा द्वारा संदेश दिया गया कि प्राकृतिक पर्व सरहुल सभी जगह में हर्षाेउल्लास के साथ मनाया जाता है। उन्होंने प्रकृति एवं पर्यावरण के संरक्षण हेतु अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर छात्राओं द्वारा आदिवासी नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें ज्योति छात्रावास ने प्रथम एवं द्वितीय स्थान शाहपुर के आदिवासी भाइयों ने प्राप्त किया। तीसरा स्थान आदिवासी बालिका छात्रावास की छात्रों ने प्राप्त किया। रेड़मा हॉस्टल और शाहपुर के आदिवासी भाइयों ने सरहुल गीत प्रस्तुत किया।
हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप
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