सदर अस्पताल खूंटी में सात माह के प्री मैच्योर बच्चे को मिला नया जीवन
खूंटी, 29 फ़रवरी (हि.स.)। एक समय था कि खूंटी कें सदर अस्पताल जाने से मरीज और उनके स्वजन घबरात थे, लेकिन अब सदर अस्पताल की स्थिति में काफी बदलाव आया है। खासकर बच्चों के इलाज के लिए अस्पताल में बेहतरीन प्रबंध किये गये हैं।
जन्म के साथ बीमार बच्चों के उपचार के लिए मातृ एवं शिशु अस्पताल में स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट की स्थापना की गई है, जो प्री मैच्योर पैदा हुए बच्चों एवं जन्मजात बीमार बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। अस्पताल के चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों के कारण एक प्री मैच्योर बच्चे को नया जीवन मिला। जानकारी के अनुूसार चार जनवरी सदर अस्पताल में सातवें महीने में पैदा हुए एक बच्चे को जन्म के समय मात्र नौ सौ ग्राम था। ऐसे बच्चों के जीवित रहने की संभावना काफी कम रह जाती है। बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था।
भर्ती करने के 55 दिनों बाद बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो गया और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी ने बताया कि गिरजाटोली खूंटी की एक महिला रागिनी कुमारी ने सदर अस्पताल में चार जनवरी को एक बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे का जन्म सातवें महीने में हुआ था। वह काफी कमजोर था। उसे एसएनसीयू में डॉ जागृता मालाकार और डॉ आनंद कुमार मांझी की देखकर में भर्ती कर इलाज किया गया।
एसएनसीयू में 55 दिनों तक उपचार के बाद बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो गया। सिविल सर्जन ने बताया कि बच्चे के उपचार में सिस्टर इंचार्ज आरती मंजुला होरो, नर्स अनुपम होरो, सोनाली गुड़िया, रश्मि खेस, दुलारी हस्सा, विभा रानी, सुशीला भेंगरा, सुनीता पूर्ति, अलका हेमरोम, फुदन कुमारी नाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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