सरना धर्म, और संस्कृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है : नीलकंठ सिंह मुंडा

सरना धर्म, और संस्कृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है : नीलकंठ सिंह मुंडा
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सरना धर्म, और संस्कृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है : नीलकंठ सिंह मुंडा


-विधायक ने विभिन्न गांवों के पाहनों, पुजार और ग्राम प्रधानों को किया सम्मानित

खूंटी, 17 जून (हि.स.)। खूंटी के विधायक और राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि गांव को बनाने वाला, विधि व्यवस्था बनाने वाले, पूजा पाठ कराने वाले मुंडा, पाहन और पुजार संगठित होकर रहेंगे, तो अपने धर्म और संस्कृति को संजोए रख सकते हैं और समाज को आगे बढ़ा सकते हैं। विधायक स्थानीय नगर भवन में विधानसभा स्तरीय सरहुल मिलन संचालन समिति द्वारा सोमवार को आयोजित कर्रा, मुरहू और खूंटी के गांवों के ग्राम प्रधान, पहान और पुजार के सम्मान में आयोजित समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

इसके पूर्व विधायक और समिति के अन्य कार्यकर्ताओं ने समारोह में पहुचे लगभग सात सौ पाहनो, ग्राम प्रधान और पुजारों को पगड़ी पहनाकर उन्हें सम्मानित किसा। खचाखच भरे नगर भवन में उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए विधायक मुंडा ने कहा कि सरना धर्म, और संस्कृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। आज हम सभी सरना झंडा के नीचे एकजुट होकर धूमधाम से सरहुल महोत्सव मनाते हैं। माहिल में आयोजित सरहुल मिलन समारोह में लोगों की भीड़ 25-30 हजार से अधिक लोगों की भीढ़ जुटती है। उन्होंने कहा कि हम संगठित होकर सभी समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने का काम करेंगे। विधायक ने कहा, मैं हमेशा समाज के साथ मिलकर समाज को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करता हूं।

उन्होंने कहा कि पहले की कांग्रेस सरकार ने आदिवासी-सरना को धर्म कोड से हटाकर सरना धर्म को अलग करने की साजिश रचने का काम किया। विधायक ने कहा कि 1961 में हमारा धर्म कोड हटा दिया गया। भाजपा में होते हुए भी मैंने सरना कोड का विधानसभा में समर्थन किया और सरकार को इसके लिए बाध्य किया। उन्होने कहा कि हमें अपना धमर्, संस्कृति, पूजा-पाठ, रहन-सहन खानपान को बचाते हुए सभी धर्मों का सम्मान करना हैं और सबके साथ मिलकर आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा, मैं हर सुख-दुःख में आपके साथ हूं। हमें अपने गांव और समाज को आगे बढ़ाना है। भाजपा के प्रदेयश उपाध्यक्ष मुंडा ने कहा कि संस्कृति, जंगल, पहाड़ और नदी को बचा कर रखना जरूरी है। गांव में पहान सभी के कष्ट को दूर करने और सुख-समृद्धि के लिए पूजा करते हैं।

उन्होंने कहरा कि मैं पांच5 बार विधायक बना। इस दौरान उनका प्रयास रहा कि जिस मकसद से लोगों ने विधायक बनाया, उसे पूरा करें। मेरा प्रयास है कि सभी लोगों का विकास हो। उन्होंने कहा कि अब हम अपने धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूक हो रहे हैं। समारोह को नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन पाहन, तेंबा उरांव, डहरू पाहन, हरि सिंह मुंडा, छुनकु मुंडा आदि ने भी संबोधित किया। इसके पूर्व स्वागत भाषण अनुप कुजूर ने किया। कार्यक्रम का संचालन बिरसा धान और विनोद नाग ने किया। मौके पर विधायक प्रतिनधि काशीनाथ महतो, रूपेश जयसवाल, राजेश महतो, कैलाश राम महतो, मुसाफिर विश्वकर्मा सहित खूंटी, तोरपा और कर्रा प्रखंड के पाहन, पुजार और ग्राम प्रधान उपस्थित थे।

राजनीतिक हित साधने में सफल रहे नीलकंठ सिंह मुंडा

पाहनों, पुजारों और ग्रामी प्रधानों के सम्मान में आयोजित समारोह वैसे तो पूरी तरह गैर राजनीतिक था और विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने भी राजनीति और चुनाव को लेकर कुछ नहीं किया, पर जानकार बताते हैं कि सम्मान समारोह के बहाने विधायक अपना राजनीतिक हित साधने में पूरी तरह सफल रहे। सम्मान सामरोह में जिस प्रकार पाहनों और ग्राम प्रधानों की भीड़ उमड़ी,उसे देखकर नीलकंठ सिंह मुंडा के विरोधी में कहने लगे कि अपने 25 वर्षों के कार्यकाल में वे गांवच वालों का विश्वास जीतने में सफल रहे और आनेवाले विधानसभा चुनाव में इसकाा लाभ उन्हें मिल सकता है। वैसे कई पाहनों और ग्राम प्रधानों ने तो मंच से ही आसन्न विधाानसभा चुनाव में नीलकंठ सिंह मुंडा को छठी बार खूंटी का विधायक बनाने की अपील की।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल

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