मुर्शिदाबाद हमले के कई पीड़ित परिवारों ने ली झारखंड में शरण

WhatsApp Channel Join Now
मुर्शिदाबाद हमले के कई पीड़ित परिवारों ने ली झारखंड में शरण


साहिबगंज, 16 अप्रैल (हि.स.)। केंद्र सरकार की ओर से वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद स्थित जाफराबाद गांव में एक समुदाय पर हुए हमले के बाद पीड़ित परिवारों ने झारखंड में शरण ली है। घटना में कई पीड़ित परिवार राज्य के साहिबगंज जिला के राजमहल स्थित बर्मन कॉलोनी पहुंचे और पनाह ली। घटना में 12 से अधिक एक समुदाय के लोगों की प्रतिष्ठानों में जमकर लूटपाट और महिलाओं से छेड़छाड़ की गई थी।

यहां शरण लेने वाले एक समुदाय के लोगों में अब भी दशहत का माहौल है और आंखों में अपनों को खोने की पीड़ा है। उन पीड़ित परिवार के कई लोगों ने बुधवार को बताया कि 12 अप्रैल उन लोगों के लिए तबाही का मंजर लेकर आया। वक्फ संशोधन विधयेक के विरोध तो एक बहाना था, लेकिन हकीकत में साजिश के तहत विशेष समुदाय की सामूहिक भीड़ ने हमारे परिवारों पर एकाएक हमला कर दिया। इस दौरान हमलोगों के घर पर बम भी फेंका गया, घरों और दुकानों में लूटपाट भी की गई । उनके सामने उनके परिजन के दो लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। वे लोग लगातार पुलिस को फोन से इसकी सूचना देते रहे लेकिन दो घंटे तक कोई भी पुलिस सहायता के लिए नहीं पहुंची। वे लोग किसी तरह से जान बचाकर अपने घरों में दुबके रहे। बाद में बहुत मुश्किल से एक एंबुलेंस के सहारे वे लोग अपनी जान बचाकर यहां पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार पर से उन लोगों का भरोसा उठ गया है। इस सरकार में हमारे परिवारों की सुरक्षा हमेशा से संदेह के दायरे में रहा है। जब तक वहां राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया जाता तब तक पश्चिम बंगाल में उनका परिवार सुरक्षित नहीं है।

पीड़ितों ने बताया कि उन लोगों की उम्मीद तब सिर्फ केंद्र सरकार पर टिकी हुई है। जब तक केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करती है, तब तक बेघर हुए लोग ना तो अपने घर वापस लौट सकेंगे और ना ही वहां कोई एक समुदाय वहां सुरक्षित रहेगा। अपनी जान बचाकर यहां पहुंचने वाले लोगों में 85 वर्षीय मटरी सरकार, रूपचंद सरकार, सुष्मिता सरकार, संचित सरकार, सविता सरकार, रुद्र सरकार, पार्थ मांझी, जयदेव सरकार, पूजा सरकार शिव सरकार हृदय दास नीलिमा दास बापी दास आराध्या दास सहित अन्य शामिल हैं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे

Share this story