आम महोत्सव सह बागवानी मेला में आम उत्पादक किसानों को किया गया सम्मानित
-फलदार वृक्ष लोगों की आजीविका संवर्धन ही नहीं, जलवायु परिवर्तन में भी सहायक हैं: कोचे मुंडा
खूंटी, 6 जुलाई (हि.स.)। बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत जिले के कृषकों को फलदार पौधों की खेती के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन के सौजन्य से कचहरी मैदान में यानिवार को आम महोत्सव सह बागवानी मेला का आयोजन किया गया।
मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि खूंटी जिले में आम की विभिन्न प्रजातियों का उत्पादन बड़े पैमाने पर हो रहा है। इससे ग्रामीणों की आजीविका में लगातार संवर्धन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर फलदार वृक्ष न केवल लोगों की आजीविका संवर्धन में, बल्कि जलवायु परिवर्तन में भी सहायक साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम की उत्पादकता को देखते हुए खूंटी में जिलेे में आम प्रोसेसिंग प्लांट अधिष्ठापित करने की जरूररत है। उपायुक्त ने कहा कि बिरसा ग्राम हरित योजना सरकार की एक महात्वाकांक्षी योजना है।
जिले में इस योजना का सफल क्रियान्वयन हुआ है। इसके तहत फलों के उत्पादन से न केवल लोगों की आजीविका में संवर्धन हो रहा है अपितु कुपोषण के शिकार लोगों के लिए पोषण की परिपूर्ति में भी काफी सहायक साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि खूंटी जिला आम के उत्पादन में अग्रणी श्रेणी में शामिल है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान पाया गया है कि किसानों द्वारा बृहद क्षेत्र में आम, नींबू आदि की खेती की गई है। बिरसा ग्राम हरित योजना के तहत हम लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि उक्त योजना के तहत किसान किसी भी वैराइटी का फलदार वृक्ष लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पौधा रोपण के वर्तमान मौसम में जिले में फलदार पौधों के रोपण पर विशेष प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी, स्कूल एवं पब्लिक प्लेस परिसर में फलदार पौधे लगाये जाएंगे। उन्होंने कहा कि खूंटी में आयोजित आम उत्सव सह बागवानी मेला भविष्य में लोगों के आजीविका संवर्धन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उप विकास आयुक्त ने मेला के उद्देश्य की चर्चा करते हुए कहा कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में आम की अच्छी किस्मों का उत्पादन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जिले में वर्तमान में 10,000 एकड़ क्षेत्र में आम सहित अन्य फलदार पेड़ लगाये गये है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वितीय वर्ष में जिला अंतर्गत 38,000 हेक्टर क्षेत्रफल में विविध फलदार पौधा रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मेले में झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन सोसाइटी खूंटी, मुरहू, कर्रा, तोरपा, अड़की, रनिया, नावार्ड, कृषि विभाग एवं आत्मा परियोजना द्वारा उत्पादित विभिन्न प्रजातियों के आमों की प्रदर्शनी लगाई थी। मियाजाकी, आम्रपाली, मलिका, जरदालू, हिम सागर, तोतापरी, लंगड़ा, स्वर्णरेखा, सिंदूरिया सहित आम की प्रजातियां प्रदर्शनी में लाई गई थी। मुख्य अतिथि सहित पदाधिकारियों द्वारा प्रदर्शनी का अवलोकन कर कृषकों से आम का उत्पादन एवं बिक्री संबंधी समस्याओं की जानकारी ली गई। आम उत्पादकों ने बताया कि बाजार उपलब्ध नहीं होने के कारण उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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