मजदूर यूनियनों ने एचईसी बंद करने के प्रस्ताव को किया ख़ारिज, उच्च स्तरीय हस्तक्षेप पर दिया जोर

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मजदूर यूनियनों ने एचईसी बंद करने के प्रस्ताव को किया ख़ारिज, उच्च स्तरीय हस्तक्षेप पर दिया जोर


रांची, 7 दिसंबर (हि.स.)। हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (एचईसी) के भविष्य पर मंडरा रहे घोर अनिश्चितता के बीच, रविवार को हटिया मजदूर यूनियन के तत्वावधान में विभिन्न ट्रेड यूनियनों की संयुक्त बैठक हुई।

बैठक हरेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में हुई, जिसमें बीएमएस, एटक, एचएमयू, एचईसी श्रमिक संघ, जेएमयू सहित सभी प्रमुख यूनियनों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी सुनिश्चित की।

यूनियनों ने एचईसी की बिगड़ती वित्तीय स्थिति, प्रबंधन की निष्क्रियता और इकाई को बंद करने या बेचने की किसी भी योजना पर गहरा रोष व्यक्त किया।

बैठक में सर्वसम्मति से यूनियनों ने एचईसी को बेचने या बंद करने के किसी भी सरकारी प्रस्ताव को पूर्ण रूप से ख़ारिज करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया। एटक ने कहा कि विक्रय का कोई भी फैसला उन्हें किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं होगा।

बैठक में एचईसी को बचाने और मजदूरों के हितों के लिए पांच मांगें रखी गई। इसमें बंद और विक्रय प्रस्ताव पर तत्काल रोक लगाने,

उच्च-स्तरीय हस्तक्षेप अनिवार्य करने, श्रम संहिता (लेबर कोड) का विरोध करने, वेतन और बकाये का अविलंब भुगतान करने और ठेका मजदूरों की बहाली करना शामिल है।

वहीं सभी यूनियनों की ओर से एचईसी बचाने के मुद्दे को लेकर अगली बैठक 10 दिसंबर को हटिया मजदूर यूनियन कार्यालय में करने पर सहमति बनी।

बैठक में सभी यूनियन के कई पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak

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