खनन प्रभावित इलाकों में नहीं खर्च होती है खनिज फाउंडेशन न्यास की राशि: राधाकृष्ण
पलामू, 6 जनवरी (हि.स.)। छतरपुर के पूर्व विधायक राधाकृष्ण किशोर ने जिला खनिज फाउंडेशन न्यास की राशि खनन प्रभावित क्षेत्र में खर्च नहीं किए जाने पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने शनिवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिला खनिज फाउंडेशन तथा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना की नियमावली के अनुरूप योजनाओं का चयन पूर्णरूप से नहीं हो रहा है। फलस्वरूप खनन प्रभावित क्षेत्र और वहां के लोगों की समाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से खनन प्रभावित क्षेत्रों-गांवों के लोगों के लिए शुद्ध पेयजल, बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, महिलाओं और बच्चों का समुचित कल्याण तथा उनके कौशल विकास, सिंचाई, पर्यावरण सुरक्षा, जलछाजन जैसी योजनाओं पर कोई कार्य नहीं होता है। किशोर ने कहा कि नियमावली के अनुसार जिले के अंदर खनन से प्रभावित क्षेत्र और लोगों की सूची तैयार कर जरूरत के अनुरूप योजनाओं को तैयार करना है।
उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि 28 अक्टूबर, 2022 को न्याय परिषद की बैठक में खनन क्षेत्र को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित घोषित किया गया लेकिन साथ ही साथ संपूर्ण जिले को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया गया, जबकि नियमावली के अनुसार खनन संचालन के कारण समाजिक-आर्थिक दृष्टि से प्रतिकूल प्रभावित क्षेत्र को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र परिभाषित किया गया है।
किशोर ने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्यस्तरीय निगरानी समिति को यह देखने की आवश्यकता है कि जिला खनन फाउंडेशन ट्रस्ट और प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना की गाइडलाइन के अनुसार जिले के खनन प्रभावित क्षेत्र में योजनाओं का सही-सही चयन किया गया है या नहीं। राज्य सरकार को चाहिए कि जिला खनन फाउंडेशन ट्रस्ट के तहत क्रियान्वित योजनाओं की गुणवत्ता के लिए ‘थर्ड पार्टी’ के द्वारा निरीक्षण कराया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिलीप कुमार/चंद्र प्रकाश
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