पांकी विधायक ने जमींदार और वनकर्मियों से परेशान ग्रामीणों की सुनी पीड़ा
पलामू, 4 दिसंबर (हि.स.)। पांकी विधायक डा. शशिभूषण मेहता सोमवार को पांकी प्रखंड के डेमा गांव पहुंचे। लोगों का हालचाल जाना। इस दौरान कई ग्रामीण जमींदार और वनकर्मियों के उजाड़ने के रवैये से अजीज होकर बोलने में फफक फफक कर रोने लगे। मानो कुंवर ने कहा कि उसके पति की हत्या इसी जमीन को लेकर हो गई थी। प्रतिमा देवी, सुनिता कुंवर, बासमती देवी, बिफनी देवी, सकेन्द्र उरांव, मोहन उरांव, बिरेंद्र सिंह, सरिता देवी, तुलसी भुइयां, दुलारी देवी, वृक्ष भुइयां सहित अन्य ग्रामीणों ने आग्रह पत्र देकर विधायक से कहा कि डेमा के ग्रामीणों को मुस्लिम वर्ग के दलाल और वन विभाग के वनकर्मी परेशान कर उजाड़ने की कोशिश की जा रही है। इस गांव में 25-30 घर भुइयां, चेरो एवं कोइरी जाति के लोग निवास करते हैं। विनय सिंह ने कहा कि तीन पीढ़ी से इस गांव में इसी जमीन पर रहते आ रहे हैं।
पांकी विधायक डा. शशिभूषण मेहता ने कहा कि डेमा गांव से ग्रामीणों को उजाड़ने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तीन चार पीढ़ियों से रहते आ रहे लोगों के वंशजों को वन विभाग के कर्मी उजाड़ना चाहते हैं। राज्य सरकार आदिवासियों के साथ अत्याचार कर रही है। विधानसभा सत्र में आदिवासियों को पट्टा दिलाने के लिए आवाज उठाई जाएगी। जान लेंगे पर जमीन नहीं देंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप
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