झारखंड के दूसरे सबसे लंबे पुल को जोड़ने वाली सड़क की बदहाली पर ग्रामीणों में आक्रोश
‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ के नारों के साथ वोट बहिष्कार की चेतावनी
पलामू, 9 मई (हि.स.)। झारखंड के दूसरे सबसे लंबे पुल को जोड़ने वाली हैदरनगर-पंसा की सड़क की जर्जर हालत और बदहाल स्थिति से आक्रोशित सैकड़ों ग्रामीण गुरूवार को पंसा स्थित मध्य विद्यालय के परिसर में इकट्ठे होकर ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का नारा लगाते हुए वोट बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
उल्लेखनीय है कि ग्रामीणों ने सड़क की बदहाल स्थिति से कई बार जिला प्रशासन को अवगत कराया, किन्तु इसके बावजूद जब जिला प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया तो अक्टूबर 2023 में सड़क से प्रभावित होने वाले आसपास के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों ने आंदोलन किया था। आंदोलन के क्रम में पंसा, खरकोल, कोसियारा, रामबांध, रहमानिया मोड़,रानीदेवा, अधौरा एवं बलडिहरी के सैकड़ों लोगों ने पैदल आक्रोश मार्च किया था।
उस पैदल आक्रोश मार्च में शामिल सैकड़ों लोग ‘गांधी तेरे देश में आज भी हैं हम गड्ढे में’ और ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का नारा बुलंद किया था। इस दौरान हैदरनगर मुख्य सड़क तक पहुँचकर एक सभा भी आयोजित की गई थी जिसमें सड़क की जर्जर हालत के लिये आक्रोशित लोग सांसद और स्थानीय विधायक को जिम्मेवार बताते हुए कोस रहे थे। किन्तु सांसद वीडी राम और जिला प्रशासन उक्त आंदोलन को तरजीह नहीं दिए।
ग्रामीणों ने कहा कि यह सड़क दो जिला के अलावे दो राज्यों को भी जोड़ने वाली सड़क है। फिर भी 12 किलोमीटर सड़क पर आने जाने के लिए घंटों मशक्कत कर गाँव के लोग अपने गंतव्य तक राम भरोसे पहुंचते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सबसे अधिक परेशानी बच्चों को विद्यालय जाने व मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में परेशानी होती है। इस क्षेत्र में मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं है।
लोगों का कहना है कि आखिर इस क्षेत्र की जनता का क्या कसूर है कि सड़क निर्माण के लिए अब तक किसी जनप्रतिनिधि या प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया। ग्रामीणों का कहना है कि जब बार-बार वोट देने के बाद भी समस्याओं के मकड़जाल में ही रहना है तो फिर वोट देने से क्या फायदा?
हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप
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