झारखंड के सभी जिलों में बनेंगे अल्पसंख्यक स्कूल : हफीजुल
रांची, 18 दिसंबर (हि.स.)।
विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर गुरुवार को झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग की ओर से रांची के कडरू स्थित हज हाउस में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीज़ुल हसन अंसारी उपस्थित थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य मौजूद थे।
कार्यक्रम की कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने की, जबकि संचालन आयोग के सदस्य कारी बरकत अली ने किया।
इस अवसर पर आयोग अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने मंत्री हफीज़ुल हसन और सुप्रियो भट्टाचार्य का गुलदस्ता देकर स्वागत किया।
मौके पर मुख्य अतिथि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीज़ुल हसन अंसारी ने कहा कि आज सबसे ज़रूरी है कि हम अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों। समाज की प्रगति के लिए सभी को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।
उन्होंने अंजुमन इस्लामिया रांची के पदाधिकारियों के बीच मतभेदों का उल्लेख करते हुए अध्यक्ष और सचिव से आपसी विवाद सुलझाने की अपील की। उन्होंने कहा कि जैसे ही आलिम–फाज़िल का मामला उनके संज्ञान में आया, उन्होंने तुरंत मुख्यमंत्री को अवगत कराया और समाधान किया।
मौके पर मंत्री ने 500 बेड वाले अल्पसंख्यक छात्रावास के निर्माण की घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक विभाग ने अब तक लगभग 146 छात्रावासों के निर्माण की स्वीकृति दे दी है। उन्होंने कहा कि छह प्लस-टू अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों की स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से दो बनकर तैयार हो चुके हैं। साथ ही राज्य के सभी जिलों में अल्पसंख्यक विभाग के अंतर्गत अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों बनाए जाएंगे।
उन्होंने घोषणा किया कि जल्द ही हज हाउस में यूपीएससी कोचिंग सेंटर शुरू किया जाएगा, ताकि अल्पसंख्यक समुदाय को सीधा लाभ मिल सके और वे देश के विकास में योगदान दे सकें।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 2014 के बाद देश में जो हालात बने हैं और समाज में जो विभाजन और दूरियां पैदा हुई हैं, वह अत्यंत दुखद हैं। उन्होंने कहा कि हमें संकल्प लेना चाहिए कि देश को एकजुट रखेंगे।
अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशीर आलम ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश होने के बावजूद अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है, हालांकि झारखंड में ऐसा नहीं है। इसका कारण यह है कि राज्य सरकार पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष सोच रखती है।
आयोग के उपाध्यक्ष ज्योति सिंह मथारू ने कहा कि सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाना आयोग की जिम्मेदारी है, जिसे वह बखूबी निभा रहा है। उपाध्यक्ष परनिश सोलोमन ने कहा कि अल्पसंख्यक बच्चों का ड्रॉपआउट प्रतिशत काफी अधिक है, चाहे वह प्राथमिक, माध्यमिक या उच्च शिक्षा हो। इसलिए हम सभी को शिक्षा के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
हिदायतुल्लाह खान ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आलिम–फाज़िल परीक्षा का परिणाम कुछ तकनीकी कारणों से रोका गया था, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर इसे जारी किया गया। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीज़ुल हसन अंसारी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यनमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में अल्पसंख्यकों से जुड़े सभी मुद्दों का समाधान हो रहा है और अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड में अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों की स्थिति बेहतर है।
कार्यक्रम में झामुमो नेता मुश्ताक आलम, सेंट्रल गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह, भगवानजी, डॉ हसन इमाम मलिक, डॉ मजीद आलम, झारखंड तंजीम के सर्फे आलम, नदीम खान, एडवोकेट आलम, पद्मश्री मधु मंसूरी सहित अनेक सामाजिक और राजनीतिक नेता उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे

