अब झारखंड में ही होगा गंभीर बीमारियों का इलाज, बाहर जाने की झंझट से मिलेगी मुक्ति
रांची, 16 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड सरकार ने राज्य के नागरिकों को गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए एक बड़ी राहत देने का निर्णय लिया है। अब राज्य के लोगों को गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए राज्य से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। जल्द ही झारखंड में ही सभी 21 गंभीर बीमारियों का उपचार सुलभ हो सकेगा।
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने मंगलवार को अपने कार्यालय में बैठक की। अपर मुख्य सचिव ने इसके साथ ही सिकल सेल एनीमिया के इलाज के लिए सदर अस्पताल रांची में व्यापक सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल का सीएमसी वेल्लोर से एमओयू होगा ताकि बोन मैरो ट्रांसप्लांट रांची में ही हो सके।
उन्होंने बताया कि 21 गंभीर बीमारियो के उपचार के लिए अब राज्य के बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इन सभी गंभीर बीमारियों का उपचार मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत ही हो सकेगा। इस योजना के तहत रोगों के उपचार के लिए निश्चित पैकेज का निर्धारण किया जा रहा है ताकि लोगों को इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़े।
बैठक में राज्य के चार प्रमुख सरकारी अस्पताल रिम्स, शहीद निर्मल महतो मेमोरियल कॉलेज एंड हॉस्पिटल धनबाद, सदर अस्पताल रांची और एमजीएम कॉलेज जमशेदपुर में यह चिकित्सा व्यवस्था सुलभ कराने पर निर्णय लिया गया।
मौके पर अपर मुख्य सचिव अजय सिंह ने कहा कि सभी 21 गंभीर बीमारियों का उपचार राज्य में ही हो, इसके लिए सारी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के इन चार सरकारी अस्पतालों के साथ ही राज्य के चार बड़े निजी अस्पतालों में भी गंभीर बीमारियों का उपचार हो सकेगा। इन बीमारियों के इलाज के लिए आगे आने वाले अस्पतालों को सारी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए पैकेज का निर्धारण किया जा चुका है।
बैठक में शशि प्रकाश झा, एमडी, एनएचएम, विद्यानंद शर्मा पंकज, अपर सचिव, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, ललित मोहन शुक्ला, संयुक्त सचिव, सीमा, अपर कार्यकारी निदेशक, झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी, सिद्धार्थ सान्याल, डीआईसी, ध्रुव प्रसाद, उपसचिव मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar

